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देश में पिछले 22 महीने से ट्रेन एक्सीडेंट में किसी भी पैसेंजर की जान नहीं गई है। सरकार की कोशिश है कि ट्रेन एक्सीडेंट को ज्यादा से ज्यादा रोका जा सके। पिछले 6 साल से सुरक्षा पर ध्यान दिया जा रहा है। यह जानकारी रेलमंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान दी।
रेल मंत्री ने यह दावा ऐसे वक्त किया है, जब कोरोना की वजह से पिछले 11 महीनों से रेलवे पूरी क्षमता के साथ ट्रेनों का संचालन नहीं कर रहा है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नया रेलवे बोर्ड बनाया गया है। इसमें सेफ्टी के लिए डायरेक्टर जनरल की पोस्ट भी बनाई गई है।
मार्च 2019 में हुई थी आखिरी मौत
उन्होंने बताया कि 22 मार्च 2019 को एक पैसेंजर की मौत ट्रेन एक्सीडेंट में हुई थी, लेकिन तब से अब तक किसी की मौत नहीं हुई है। पीयूष गोयल ने ब्रिज के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कुछ वक्त के लिए हम ब्रिज के रखरखाव और मरम्मत पर भी ध्यान दे रहे हैं। देशभर में 100 साल पुराने 34,665 ब्रिज हैं।
उन्होंने कहा कि हमने एक मजबूत निरीक्षण सिस्टम तैयार किया है। यह मानसून के पहले और मानसून के बाद सभी पुल, रोड और ओवरब्रिज का निरीक्षण कर उससे जुड़ा एक डेटा रेलवे स्टेशन को सौंपते हैं। इससे पुलों की स्थिती के बारे में जानकारी मिल जाती है।
कोरोनाकाल में महीनों बंद रही थीं ट्रेनें
कोरोना की वजह से 22 मार्च 2020 से केंद्र सरकार ने ट्रेनों के संचलान पर रोक लगा दी थी। इसके बाद मजदूरों के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। केंद्र ने 12 मई को 15 पेयर स्पेशल राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनें शुरु कीं। इसके बाद एक जून से 200 स्पेशल ट्रेनें शुरू की गई। 12 सितंबर को 80 अतिरिक्त ट्रेनें भी शुरु की गई। अभी भी रेलवे पूरी क्षमता के साथ ट्रेनों का संचालन नहीं कर रहा है।
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