प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को स्वामी चिद्भवानंद की भगवद् गीता का ई-बुक वर्जन लॉन्च किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को गीता जरूर पढ़नी चाहिए, जो आज भी जिंदगी में आपको मुश्किलों से जूझने की सीख देगी। इससे उन्हें सवाल करने की प्रेरणा मिलेगी। सही-गलत में अंतर समझने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि युवाओं में ई-बुक्स बहुत प्रसिद्ध होते जा रहे हैं। यह प्रयास गीता के विचार से अधिक से अधिक युवाओं को जोड़ेगा। गीता हमें सोचने पर मजबूर करती है। यह हमें सवाल करने के लिए प्रेरित करती है। यह बहस को प्रोत्साहित करती है और हमारे दिमाग को खुला रखती है। गीता से प्रेरित कोई भी व्यक्ति हमेशा स्वभाव से दयालु और लोकतांत्रिक होगा।
PM मोदी के भाषण की अहम बातें
गीता की प्रेरणा ने कोरोना से लड़ने की शक्ति दी
गीता आपको ताकत देती है, ताकि आप किसी भी मुश्किल को पार कर जाएं। कोरोना काल में भी गीता की प्रेरणा ने लोगों को इस महामारी से लड़ने की शक्ति दी। बीते साल एक आर्टिकल में कोरोना काल को गीता से जोड़कर देखा गया, जिसमें डॉक्टरों को अर्जुन बताया गया और अस्पतालों को युद्धस्थली के रूप में दिखाया गया।
हर कोई गीता से प्रभावित रहा है
भगवद गीता हमें विचार करने के लिए प्रेरणा देती है, हमें कुछ नया करने के लिए प्रेरित करती है। भगवत गीता उन विचारों का संयुक्त रूप है, जो आपको विषाद से लेकर विजय तक ले जाता है। महात्मा गांधी हों या फिर लोकमान्य तिलक, हर कोई गीता से प्रभावित रहा है।
भारत को आत्मनिर्भर बनाना है
आज देश के लोगों ने तय किया है कि भारत को आत्मनिर्भर बनाना है। आत्मनिर्भर भारत दुनिया के लिए भलाई लेकर आएगा। कोरोना काल में भारत ने दुनिया की मदद की और अभी भी हमारी वैक्सीन दुनिया के कई देशों को दी जा रही है।
वैक्सीन सप्लाई कर भारत दुनिया की भलाई के काम आ रहा
भारत दुनिया के हर जख्म को भरना चाहता है और इंसानियत की मदद करना चाहता है। इसीलिए भारत में बनी कोरोना वैक्सीन दुनियाभर में सप्लाई की जा रही है। ताकि कोरोना की इस मुश्किज घड़ी से दुनिया जल्द से जल्द उबर सके। भारत ऐसा करके खुद को गर्वांवित महसूस कर रहा है।
तमिलनाडु में चिद्भवानंद के काफी अनुयायी
तमिलनाडु के श्री रामकृष्ण तपोवनम आश्रम के फाउंडर स्वामी चिद्भवानंद के श्रद्धालुओं की संख्या काफी है। उनकी अभी तक 186 से अधिक किताबें अलग-अलग फॉर्म में छप चुकी हैं।
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