73वें गणतंत्र दिवस की परेड में पीएम मोदी खास पोशाक में नजर आए। वे इस बार कुर्ता-पजामा पहने थे। गले में मणिपुर का गमछा और सिर पर काले रंग की उत्तराखंडी टोपी थी। इस टोपी की खासियत थी इस पर बना ब्रह्मकमल था। जिसे दिवंगत CDS बिपिन रावत अक्सर पहने नजर आते थे।
गणतंत्र दिवस पर प्रधानमंत्री का इस टोपी को पहनना उनकी तरफ से जनरल रावत को श्रद्धांजलि माना जा रहा है। उनके इस अंदाज को चुनावी रंग भी दिया जा रहा है। बता दें कि उत्तराखंड और मणिपुर में चुनाव हैं। ऐसे में मोदी की पोशाक को चुनावी संकेत भी माना जा रहा है।
नेवी सैल्यूट और पीएम का कनेक्शन
गणतंत्र दिवस परेड की सलामी के दौरान पीएम मोदी ने नेवी सैल्यूट किया। 73वें स्वतंत्रता दिवस पर भी लाल किले से सलामी लेते हुए उन्होंने नेवी सैल्यूट किया था। सेनाओं के कार्यक्रम में शिरकत करते हुए भी वे जवानों के मार्च पास्ट में जल, थल और वायु सेना में किए जाने वाले सैल्यूट करते रहे हैं।
उत्तराखंड के सीएम ने किया ट्वीट
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने लिखा-माननीय प्रधानमंत्री ने ब्रह्मकमल से सुसज्जित देवभूमि उत्तराखंड की टोपी धारण कर हमारे राज्य की संस्कृति एवं परम्परा को गौरवान्वित किया है।
CDS को मरणोपरांत पद्म विभूषण सम्मान
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत तमिलनाडु में हेलिकॉप्टर हादसे में शहीद हो गए थे। CDS रावत भी अक्सर कई आयोजनों में इसी तरह की टोपी सिर पर पहने नजर आ जाते थे। वे उत्तराखंड से थे, और ब्रह्मकमल उत्तराखंड का राज्य पुष्प है। इसलिए वे अपने राज्य की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते थे।
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर शहीद रावत को मरणोपरांत पद्म विभूषण पुरस्कार सम्मान देने का ऐलान किया गया है।
हर राष्ट्रीय पर्व पर मोदी पहनते हैं खास पगड़ी
पीएम मोदी गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और बाकी बड़े राष्ट्रीय आयोजनों में राज्यों की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती पगड़ी या टोपी पहनते हैं। 2021 में मनाए गए 72वें गणतंत्र दिवस पर भी मोदी की पगड़ी ने सुर्खियां बटोरी थीं। पीएम मोदी ने जामनगर की हलारी पगड़ी पहनी थी। इसके पहले साल 2020 में 71वें गणतंत्र दिवस के मौके पर भी उन्होंने कुर्ता-पजामा के साथ केसरिया बंधेज की पगड़ी पहनी थी।
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