कर्नाटक के मंगलुरु में शनिवार को हुए ऑटो रिक्शा ब्लास्ट का आरोपी मोहम्मद शारिक बिटकॉइन ट्रेडिंग करता था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने दावा किया है कि शारिक अपने साथियों को क्रिप्टोकरेंसी भेजता था। उसके ये सभी साथी कुछ दिन पहले ही पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं। इसी बीच ये भी चर्चा है कि केंद्र सरकार मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से करा सकती है।
पहले भी UAPA के तहत पकड़ा जा चुका है शारिक
शिवमोगा के सोप्पुगुड्डे का रहने वाला शारिक फर्जी पहचान से मैसूर में किराए के घर में रह रहा था। उसे पहले भी UAPA के तहत गिरफ्तार किया गया था। हालांकि इस केस में वह जमानत पर बाहर था और इसके बाद से ही वह फरार हो गया था।
मंगलुरु ऑटो ब्लास्ट में घायल मोहम्मद शारिक ही आरोपी
मंगलुरु में हुए धमाके में ऑटो ड्राइवर और एक पैसेंजर घायल हो गए थे। पुलिस जांच में पता चला था कि यह पैसेंजर मोहम्मद शारिक है, जिस पर पहले से ही आतंकियों से संबंध रखने के कई केस चल रहे हैं। रविवार को फोरेंसिक टीम मैसूर के नजदीक मदहल्ली में शारिक के घर पहुंची थी। यहां वह किराए से रहता था। यहां टीम को विस्फोटक बनाने का सामान मिला है। इसमें जिलेटिन पाउडर, सर्किट बोर्ड, बैटरी, मोबाइल, लकड़ी का चूरा, एल्यूमीनियम मल्टी मीटर, तार, बोल्ट और प्रेशर कुकर शामिल हैं।
टीम को शारिक के घर से दो फर्जी आधार कार्ड, एक फर्जी PAN कार्ड और एक FINO डेबिट कार्ड मिला है। पुलिस के मुताबिक, आरोपी और विस्फोटक बनाने की तैयारी में था। उसने यह घर पिछले महीने किराए पर लिया था। मकान मालिक को उसने बताया था कि वह मोबाइल रिपेयरिंग की ट्रेनिंग लेने के लिए शहर में आया है। पढ़ें पूरी खबर...
ब्लास्ट से पहले खुद को हिंदू बताता रहा शारिक
पुलिस के मुताबिक आरोपी मोहम्मद शारिक कुकर बम लेकर ऑटो में पैंसेंजर बनकर बैठा था। उसका टारगेट शहर का भीड़-भाड़ वाला इलाका था। गनीमत रही कि बम ऑटो में ही फट गया और खुद शारिक इसका शिकार हाे गया। वह 40 फीसदी तक जल चुका है।
आरोपी शारिक ने ऑटो में बैठते ही कहा कि उसे पंपवेल एरिया जाना है। ADGP ने कहा कि शारिक विस्फोटक को नगौरी में प्लांट करना चाहता था, लेकिन इससे पहले ही इसमें विस्फोट हो गया। फिलहाल पुलिस की देखरेख में ऑटो चालक और आरोपी शारिक का इलाज चल रहा है। पढ़ें पूरी खबर...
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