उत्तर प्रदेश ही नहीं, देशभर में चर्चा है योगी मॉडल की। मध्यप्रदेश सरकार ने कुछ महीनों पहले योगी मॉडल से बुलडोजर आइडिया ले लिया था। बुलडोजर आइडिया यह है कि जो भी अपराध करे उसके घर पर बुल्डोजर चलाओ।
हालांकि कानूनी दांव-पेंच में जाएं तो इस पर भी अलग तरीके का विवाद है, लेकिन योगी मॉडल केवल बुलडोजर तक ही सीमित नहीं है। अपराधियों के पोस्टर चौराहों पर लगाना, उन पर अलग तरीके की सख्ती बरतना, जैसे को तैसा वाला इलाज करना, ऐसे कई उपाय इसमें शामिल हैं।
यहां इसकी चर्चा इसलिए की जा रही है कि हाल में, यानी पिछले एक हफ्ते में दक्षिण कर्नाटक में लगातार तीन हत्याएं हो चुकी हैं। अचरज यह है कि इन हत्याओं का तरीका लगभग एक जैसा है। बाइक या कार पर सवार होकर तीन-चार युवक आते हैं और नृशंस हत्या कर भाग जाते हैं। शक है कि यह सब पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया द्वारा किया जा रहा है।
पॉपुलर फ्रंट दरअसल, एक अतिवादी इस्लामिक संगठन है जो 2006 में वजूद में आया था। कर्नाटक सरकार और वहां के मुख्यमंत्री का कहना है कि हमारा राज्य प्रगतिशील राज्य है, लेकिन हत्याओं का यह सिलसिला जारी रहा तो हम योगी मॉडल अपनाने में जरा भी नहीं हिचकिचाएंगे।
बल्कि सरकार कह रही है हम योगी मॉडल से भी चार कदम आगे जा सकते हैं। गुरुवार शाम को एक मुस्लिम युवक को उसकी दुकान के सामने ही मार डाला गया और हमलावर फरार हो गए। यह मुस्लिम युवक बताया जाता है कि पुलिस का इन्फॉर्मर था। हो सकता है इसी वजह से इसकी हत्या की गई हो!
इसके दो दिन पहले भाजपा युवा मोर्चा के नेता नट्टारू की कुल्हाड़ी से हत्या कर दी गई थी। क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं में इसे लेकर भारी आक्रोश है। वे लगातार इस्तीफे दे रहे हैं। उनका कहना है कि राज्य में हमारी ही सरकार है और हमारे ही नेताओं, कार्यकर्ताओं की लगातार हत्याएं हो रही हैं। कोई नेता, कोई मंत्री आवाज तक नहीं उठाता।
बहरहाल, हत्याओं का यह दौर बंद होना चाहिए। शासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हिंसा किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कानून का राज स्थापित होना आवश्यक है, मॉडल चाहे जो भी हो।
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