देश में राष्ट्रपति पद के चुनाव से पहले विपक्ष में बैठकों का दौर जारी है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाद अब एनसीपी चीफ शरद पवार ने 21 जून को नई दिल्ली में विपक्ष की बैठक बुलाई है। टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि ममता बनर्जी कुछ जरूरी प्रोग्राम्स की वजह से बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगीं। हालांकि टीएमसी की ओर से अभिषेक बनर्जी बैठक में मौजूद रहेंगे। 15 जून को दिल्ली में ममता बनर्जी के नेतृत्व में विपक्ष की बैठक हुई थी। बैठक में शरद पवार, फारूक अब्दुल्ला और गोपाल गांधी के नाम पर सहमित बनी थी। एनसीपी चीफ शरद पवार के नाम पर तो इस बैठक से पहले विपक्ष के सहमत होने की खबरें आ रही थीं, लेकिन शरद पवार इस राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष का उम्मीदवार बनने से इनकार कर दिया।
फारूक अब्दुल्ला बोले- कश्मीर को मेरी जरूरत है
इसके बाद फारूक अब्दुल्ला के नाम पर चर्चा शुरू हुई। वहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक ने संयुक्त विपक्ष के फैसले का सम्मान करते हुए अपना नाम वापस ले लिया। उन्होंने कहा कि आप सब ने मुझ पर विश्वास किया, इसके लिए सभी का शुक्रिया। मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं, लेकिन अभी कश्मीर को मेरी जरूरत है।
अनुच्छेद 370 हटने के बाद यहां के हालात अच्छे नहीं हैं। अब चुनाव की कवायद भी शुरू हो गई है, तो मेरा यहां होना जरूरी है। इसलिए मैं सम्मानपूर्वक अपना नाम वापस लेना चाहता हूं, संयुक्त विपक्ष जिस नेता के नाम पर सहमत होगी, हम उसके साथ पूरी ताकत के साथ खड़े होंगे। पढ़े पूरी खबर...
ममता की बैठक में शामिल हुए थे ये दल
ममता की बैठक में कांग्रेस, शिवसेना, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भाकपा-एमएल, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, जनता दल (सेक्यूलर), आरएसपी, आईयूएमएल, राष्ट्रीय लोक दल और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता शामिल हुए थे।
24 जुलाई को खत्म हो रहा है राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल
18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग होनी है, वहीं 21 जुलाई को नतीजे आएंगे। संविधान के नियमों के अनुसार देश में मौजूदा राष्ट्रपति का कार्यकाल खत्म होने से पहले अगले राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए। देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है।
इसलिए मजबूत है NDA
NDA बहुमत के आंकड़े से बेहद करीब है। उसे बीजेडी के नवीन पटनायक और वायएसआरसी के जगनमोहन रेड्डी के समर्थन की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवीन पटनायक एवं जगन मोहन रेड्डी से मुलाकात भी कर चुके हैं।
हालांकि, दोनों ने ही उम्मीदवार का नाम सामने आने के बाद ही समर्थन पर फैसला करने के लिए कहा है। पिछले राष्ट्रपति चुनाव में NDA का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था। रामनाथ कोविंद को 65.35% वोट मिले थे। इस बार भी NDA इसे दोहराने की कोशिश में है।
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