कर्नाटक में विधानसभा चुनाव 10 मई को होंगे। नतीजे 13 मई को आएंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बुधवार को कहा कि वोटिंग एक चरण में कराई जाएगी। कर्नाटक में 5.21 करोड़ मतदाता हैं, जो 224 विधानसभा सीटों पर मतदान करेंगे।
राजीव कुमार ने कहा कि जो लोग 1 अप्रैल को 18 साल के होंगे, वो भी वोट डाल सकेंगे। इसके लिए हमने एडवांस एप्लिकेशन मंगवा ली है।
राज्य में मौजूदा भाजपा सरकार का कार्यकाल 24 मई को खत्म हो रहा है। इस बार मुकाबला भाजपा, कांग्रेस और JDS के बीच रहेगा। पिछली बार JDS-कांग्रेस साथ थी, लेकिन इस बार JDS अलग चुनाव लड़ेगी।
वायनाड और राहुल गांधी पर चुनाव आयोग बोला- अभी इंतजार करेंगे
चुनाव आयोग ने 4 राज्यों की 5 विधानसभा सीट पर उप-चुनाव का ऐलान भी किया है। राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने के बाद खाली हुई वायनाड सीट पर चुनाव की घोषणा नहीं की गई है। इस पर सवाल पूछा गया तो राजीव कुमार ने कहा- खाली सीट पर चुनाव कराने के लिए 6 महीने का वक्त होता है। ट्रायल कोर्ट ने राहुल गांधी को 30 दिन का वक्त दिया है ताकि वो ऊपरी अदालत में अपील दायर कर सकें। इसलिए अभी हम इंतजार करेंगे।
राजीव कुमार ने कहा कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय पार्टी के दर्जे की भी हम समीक्षा कर रहे हैं।
कर्नाटक इलेक्शन के 4 बड़े पॉइंट्स...
4 राज्यों की 5 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी होंगे
इसके अलावा पंजाब और यूपी समेत 4 राज्यों की 5 विधानसभा सीटों पर भी 10 मई को उपचुनाव होंगे। नतीजे 13 मई को आएंगे। पंजाब की जालंधर, ओडिशा की झारसुगुड़ा, उत्तर प्रदेश की छानबे और स्वार, मेघालय की सोहियोंग सीट पर उप-चुनाव होंगे।
उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने कहा, '2023 का चुनाव मेरा आखिरी चुनाव होगा। इसके बाद मैं चुनावी प्रक्रिया से दूर रहूंगा।' उन्होंने कहा कि वह वरुणा सीट के अलावा, कोलार सीट से भी चुनाव लड़ेंगे।
5 साल में 3 CM, पहले JDS-कांग्रेस, फिर भाजपा की सरकार
कर्नाटक में 224 विधानसभा सीटें हैं। 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को 104, कांग्रेस को 78 और JDS ने 37 सीटें जीती थीं। किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। येदियुरप्पा ने 17 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और सदन में बहुमत साबित नहीं करने के कारण 23 मई को इस्तीफा दे दिया। इसके बाद कांग्रेस-JDS की गठबंधन सरकार बनी।
14 महीने बाद कर्नाटक की सियासत ने फिर करवट ली। कांग्रेस और JDS के कुछ विधायकों की बगावत के बाद कुमारस्वामी को कुर्सी छोड़नी पड़ी। इन बागियों को येदियुरप्पा ने भाजपा में मिलाया और 26 जुलाई 2019 को 219 विधायकों के समर्थन के साथ CM बीएस येदियुरप्पा बने, लेकिन 2 साल बाद ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया। बसवराज बोम्मई को यहां का मुख्यमंत्री बना दिया गया।
2018 कर्नाटक विधानसभा चुनाव सबसे महंगा था
कर्नाटक में 12 मई 2018 को 222 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हुई थी। जिसमें 5.06 करोड़ से अधिक मतदाताओं में से रिकॉर्ड 72.13 प्रतिशत ने मतदान किया था। सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज ने अपने सर्वे में इसे सबसे महंगा चुनाव बताया था। कर्नाटक चुनाव में करीब 10 हजार 500 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे।
सबसे ज्यादा सीटें मुंबई-कर्नाटक और दक्षिणी कर्नाटक में हैं
224 विधानसभा सीटों वाला कर्नाटक 6 अलग-अलग हिस्सों में बंटा हुआ है। बेंगलुरु, सेंट्रल, तटीय, हैदराबाद-कर्नाटक, मुंबई-कर्नाटक और दक्षिणी कर्नाटक। मुंबई-कर्नाटक और दक्षिण कर्नाटक सबसे बड़े हिस्से हैं। मुंबई-कर्नाटक (50) और दक्षिण कर्नाटक (51) में 101 सीटें हैं।
अभी कर्नाटक का चुनावी माहौल क्या है?
भाजपा: 150 सीटों का टारगेट, येदियुरप्पा बनेंगे कैंपेन कमेटी के हेड
भाजपा ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए 150 सीटों का टारगेट रखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 महीने में 7 बार कर्नाटक का दौरा किया है। पिछले दौरे में बीएस येदियुरप्पा और मोदी की मुलाकात चर्चा का विषय रही है। मोदी 27 फरवरी को शिवमोगा पहुंचे थे और यहीं उन्होंने येदियुपप्पा का झुककर अभिवादन किया था। येदि संन्यास का ऐलान कर चुके हैं। 4 बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके 79 साल के येदियुरप्पा कैम्पेन कमेटी के हेड बनाया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, येदियुरप्पा अपने बेटों के लिए रास्ता बनाना चाहते हैं।
कांग्रेस: इसी महीने 124 कैंडिडेट्स का ऐलान किया
विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने 25 मार्च को 124 कैंडिडेट्स का ऐलान कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया वरुणा विधानसभा और कर्नाटक कांग्रेस चीफ डीके शिवकुमार कनकपुरा से चुनाव लड़ेंगे। राहुल गांधी ने 20 मार्च को कर्नाटक के बेलगावी में रैली की थी। उन्होंने सरकारी भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया। कहा था कि कर्नाटक सरकार देश की सबसे भ्रष्ट सरकार है, कुछ भी करवाना हो तो 40% कमीशन देना पड़ता है। उन्होंने आरक्षण को चुनावी मुद्दा भी बनाया और कहा कि सत्ता में आए तो SC-ST को मिलने वाले आरक्षण का कोटा बढ़ा दिया जाएगा।
कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी (AAP) ने 20 मार्च को अपने 80 कैंडिडेट्स का ऐलान किया है।
JDS: अकेले चुनाव लड़ेगी, दक्षिणी कर्नाटक पार्टी का गढ़
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा (89) की पार्टी जनता दल सेक्यूलर (JDS) 2018 विधानसभा चुनाव में किंगमेकर बनकर उभरी थी। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी जरूर थी, लेकिन JDS ने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। तब देवेगौड़ा के बेटे एचडी कुमारस्वामी 23 मई 2018 को CM बने थे।
हालांकि 23 जुलाई 2019 को विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद इनकी सरकार गिर गई। जनवरी में एक कार्यक्रम के दौरान पार्टी प्रमुख कुमारस्वामी ने कहा कि मोदी और शाह 100 बार भी अगर कर्नाटक में आ जाएं तो भी भाजपा की सरकार नही बनने वाली है। कुमारस्वामी ने पिछले साल अक्टूबर में कहा था कि वे 2023 के चुनाव में अकेले चुनाव लड़ेंगे।
दक्षिणी कर्नाटक जिसे पुराना मैसूर भी कहा जाता है, JDS का यहां वर्चस्व रहा है। 2018 में इस क्षेत्र की 66 सीटों में से JDS को 30 सीटें मिली थीं। इसके अलावा कांग्रेस को 20 और भाजपा को 15 सीटें मिली थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने इस साल इन्हीं इलाकों में ज्यादातर दौरे किए हैं।
चुनाव से पहले आरक्षण, टीपू सुल्तान और हिजाब का मुद्दा...
1. मुस्लिमों का 4% आरक्षण खत्म
2. आरक्षण पर बंजारा समुदाय की नाराजगी
3. टीपू सुल्तान इस बार भी चुनावी मुद्दा
4. हिजाब विवाद: सुप्रीम कोर्ट में फैसला सुरक्षित
सिद्धारमैया भी कर्नाटक की कोलार सीट से चुनाव लड़ेंगे
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने ऐलान किया कि वे कर्नाटक की कोलार सीट से ही चुनाव लड़ेंगे। पार्टी ने पिछले दिनों वरुणा सीट पर उन्हें टिकट देने का ऐलान किया था। पिछला चुनाव वह चामुंडेश्वरी सीट से जीते थे। सिद्धारमैया ने कहा- वरुणा सीट से जीतने का मुझे पूरा भरोसा है। लेकिन कोलार के लोगों ने मुझे प्यार दिखाया है और मुझे वहां से भी चुनाव में उतरने को कहा गया है, इसलिए मैंने पार्टी हाईकमान से कोलार से भी टिकट मांगा है।
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येदियुरप्पा कर्नाटक में भाजपा के पोस्टर बॉय, पार्टी चाहती है चुनाव लीड करें
80 साल के येदियुरप्पा राजनीति से रिटायरमेंट लेने की घोषणा कर चुके हैं। इसके बाद भी भाजपा नेतृत्व चाहता है कि विधानसभा चुनाव में पूर्व सीएम मुख्य भूमिका में रहें। चुनाव में उन्हें सबसे आगे रखने की कई वजहें हैं। उन्होंने न सिर्फ पार्टी को जमीनी स्तर पर खड़ा किया है बल्कि चार बार मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। इसके अलावा कर्नाटक की राजनीति में खास महत्व रखने वाले लिंगायत समुदाय में उनकी पकड़ को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। पढ़ें पूरी खबर...
चुनाव जीतते ही मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाएंगे
कर्नाटक के BJP लीडर केएस ईश्वरप्पा राज्य की रथयात्रा पर हैं और कुछ महीने बाद कर्नाटक में चुनाव है। रथयात्रा में वे मुसलमानों पर लगातार बोल रहे हैं। इन्हीं मुद्दों पर दैनिक भास्कर से बात करते हुए ईश्वरप्पा ने कहा- 'चुनाव के बाद हमारी सरकार आई तो सभी मस्जिदों से लाउडस्पीकर तुरंत हटवाएंगे। इसकी वजह से स्टूडेंट्स से लेकर पेशेंट तक, सब परेशान हैं। कर्नाटक में परीक्षाएं चल रही हैं और लाउडस्पीकर के शोर से स्टूडेंट डिस्टर्ब हो रहे हैं।' पढ़ें पूरी खबर...
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