मुंबई. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि वे पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए घुसपैठियों को देश से बाहर निकालने के लिए मुंबई में 9 फरवरी को रैली करेंगे। उन्होंने गुरुवार को महा अधिवेशन में कहा, “नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर बहस हो सकती है, लेकिन हम किसी ऐसे व्यक्ति को शरण क्यों दें, जो अवैध रूप से भारत आया है? मैं कुछ मुद्दों पर गृह राज्यमंत्री या मुख्यमंत्री से मिलूंगा। भारत के मुस्लिम मौलवी दूसरे देशों में जाते हैं। किसी को नहीं पता कि वे क्या करते हैं। जबकि पुलिस भी वहां नहीं जा सकती।”
उन्होंने कहा, ''भारत धर्मशाला नहीं है और उसने मानवता का ठेका नहीं लिया है। मैं मराठी हूं और हिंदू भी। मैंने अपना धर्म नहीं बदला है। अगर मेरे अंदर के मराठी को छेड़ने की कोशिश होगी तो मैं मराठी के रूप में उस आदमी के पीछे पड़ जाऊंगा और अगर कोई मेरे अंदर के हिंदू को छेड़ता है तो उसे पीछे हिंदू की तरह पड़ जाऊंगा। महाराष्ट्र की राजनीति में हमने नया सहयोगी ढूंढ लिया है, लेकिन अपना भगवा रंग नहीं बदला।”
मनसे का नया झंडा, राज के बेटे भी पार्टी में शामिल
शिवसेना के संस्थापक बाला साहब ठाकरे की गुरुवार को 94वीं जयंती थी। राज ठाकरे ने इस अवसर पर महा अधिवेशन में मनसे का नया फ्लैग लॉन्च किया। इस झंडे में छत्रपति शिवाजी महाराज की राज मुद्रा भी छपी है। इस मौके पर राज के बेटे अमित ठाकरे भी पार्टी में शामिल हुए। राज ठाकरे ने शिवसेना से अलग होकर 2006 में मनसे बनाई थी। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने पिछले साल कांग्रेस और राकांपा के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाई थी।
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