नया साल सियासत की नई इबारत लिखने के लिए तैयार है। 2022 में 7 राज्यों के विधानसभा चुनाव में 21 करोड़ वोटर 967 सीट के लिए वोटिंग करेंगे। इन 7 राज्यों में लोकसभा की 132 सीट हैं। एक हजार से अधिक नए विधायक चुने जाएंगे जो 2022 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के चुनाव और राज्यसभा का शक्ति संतुलन तय करेंगे। यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में चुनाव साल के शुरू में तथा गुजरात व हिमाचल के चुनाव साल के आखिरी दो माह में होंगे।
आठवें राज्य केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर के चुनाव पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। वहां परिसीमन की रिपोर्ट लंबित है। भाजपा करीब 500 विधायकों के साथ 7 में से 6 राज्यों में सरकार में है। कांग्रेस के लिए पंजाब में सरकार बचाने की चुनौती है। आम आदमी पार्टी उसकी जमीन हड़पने के भरपूर प्रयास कर रही है। आप के लिए यह साल यह तय करेगा कि वह राष्ट्रीय स्तर पर पांव पसारने के लिए किस हद तक तैयार है।
केजरीवाल की पार्टी पंजाब में मजबूत प्रदर्शन के अलावा गोवा में खाता खोलने और गुजरात, यूपी तथा उत्तराखंड में जनाधार तलाशने की पूरी मशक्कत कर रही है। जम्मू-कश्मीर पहली बार केंद्र शासित प्रदेश के रूप में सरकार बनाएगा। यहां भाजपा भारत के भाल पर अपना झंडा फहराने के लिए मशक्कत कर रही है। घाटी का मिजाज और जम्मू क्षेत्र की ताकत से चुनावी फैसला तय होगा।
जिन राज्यों में चुनाव होंगें वहां से भाजपा के पास वर्तमान लोकसभा में लगभग 303 में से एक तिहाई सीट हैं। कांग्रेस उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और गोवा में सत्ता में वापसी के लिए जोर लगा रही है। सीएसडीएस के संजय कुमार कहते हैं कि 2022 के विधानसभा चुनाव अहम हैं लेकिन इन्हें 2024 के आम चुनाव फल का पैमाना नहीं माना जा सकता। भाजपा जब राज्यों के चुनाव मैदान में जाती है तो वहां लोकल लीडरशिप को देखकर वोट तय होता है। राष्ट्रीय चुनाव में मोदी सबसे बड़ा फैक्टर बन जाते हैं।
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