गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली के राजपथ पर निकलने वाली परेड देखने के लिए इस बार रक्षा मंत्रालय ने ऐसा निमंत्रण पत्र तैयार किया है जिसे दिखाकर पहले आप परेड देख सकेंगे और घर आकर उसे गमले लगा दें तो उसी से एलोवेरा, आंवला या अश्वगंधा का पौधा उग जाएगा।
निमंत्रण पत्र को लेकर सरकार का पहला प्रयोग
इस निमंत्रण पत्र को आयुष मंत्रालय के परामर्श पर विशेष रूप से तैयार किए गए हैंडमेड पेपर से बनाया गया है। इस पेपर को बनाते समय कागज की लुगदी में कुछ बीज भी डाल दिए गए। इस बायोडिग्रेडेबल पेपर को मिट्टी में न डालकर अगर सिर्फ पानी में या कच्ची जमीन पर यूं ही डाल दिया जाए तो यह 10 दिन में खुद ही नष्ट हो जाएगा। निमंत्रण पत्र पर इस्तेमाल की गई स्याही में भी प्राकृतिक रंगों का ही इस्तेमाल किया गया है। निमंत्रण पत्र में ऐसा प्रयोग सरकार ने पहली बार किया है।
बायोडिग्रेडेबल पेपर है पर्यावरण के लिए अच्छा
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आमतौर पर कागज बनाने के लिए पेड़ की छाल को पीसा जाता है, यानी पेड़ों को काटना पड़ता है। लेकिन बायोडिग्रेडेबल कागज बनाने के पहले इस्तेमाल किए जा चुके कागज को ही रिसाइकिल करके इस्तेमाल किया जाता है। इस निमंत्रण पत्र को भी ऐसे ही तैयार किया गया है।
कोरोना के चलते पेपर में मिलाए औषधीय पौधों के बीज
इस बायोपेपर या सीड पेपर बनाने की प्रक्रिया में ग्राइंडिंग के दौरान इसमें बीज भी मिला दिए जाए हैं। इसमें आमतौर पर ऐसे बीज मिलाए जाते हैं जो आसानी से अंकुरित हो सकें। इन दिनों कोविड का प्रकोप जारी है, इसलिए आयुष मंत्रालय का सुझाव था कि इनमें जड़ी-बूटियों वाले औषधीय पौधों के बीज ही डाले जाएं ताकि समारोह के बाद जब लोग इन्हें गमलों में लगाएं तो आंवला, एलोवेरा और अश्वगंधा का पौधा उग सके। निमंत्रण पत्र में यह भी बताया गया है कि कार्ड को कैसे नष्ट करके गमले में लगाना है।
रिसाइकल पेपर के लिए जागरूकता पैदा करेगा कार्ड
मंत्रालय का कहना है कि सेंट्रल विस्टा के निर्माण कार्य व कोरोना प्रोटोकॉल की वजह से इस बार 5-8 हजार के बीच ही निमंत्रण पत्र जारी किए गए हैं। इनके जरिए रिसाइकिल पेपर के इस्तेमाल के प्रति जागरूकता पैदा करने की कोशिश की गई है और यह संदेश भी दिया जा रहा है कि जिन जंगलों को काटकर कागज बनता है, इस रिसाइकिल सीड पेपर से दोबारा जंगल उगाया जा सकता है। इन पौधों से लोगों का एक भावनात्मक जुड़ाव भी होगा कि यह उनको गणतंत्र दिवस पर मिले निमंत्रण पत्र से उगा है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.