सबसे अमीर और चकाचौंध वाले राज्यों में महाराष्ट्र-गुजरात को शामिल माना जाता है। मुंबई, सूरत, पुणे जैसे शहरों को धनवानों का शहर कहा जाता है लेकिन ऑल इंडिया डेबिट एंड इंवेस्टमेंट सर्वे (एआईडीआईएस) की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। देश में सबसे ज्यादा औसत संपत्ति हरियाणा के ग्रामीणों के पास है। इनकी संपत्ति महाराष्ट्र जैसे राज्य के शहरी लोगों से भी ज्यादा है और पूरे देश के ग्रामीण क्षेत्रों की औसत संपत्ति से तीन गुना और शहरी संपत्ति से डेढ़ गुना ज्यादा है।
हरियाणवी गांवों की औसत संपत्ति की कीमत 4,478 रुपए जबकि महाराष्ट्र के शहरी क्षेत्र के लोगों की औसत संपत्ति 4,213 रुपए है। गांवों की औसत संपत्ति के मामले में हरियाणा के बाद पंजाब का नंबर आता है जबकि शहरों में महाराष्ट्र के बाद सबसे ज्यादा औसत संपत्ति वाला राज्य राजस्थान है। पूरे देश के औसत की बात की जाए तो ग्रामीणों के पास औसत 1,592 रुपए जबकि शहरी लोगों के पास 2,717 रूपए की संपत्ति है।
जमीन भी सबसे ज्यादा ग्रामीणों के पास
ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के पास 69.2 प्रतिशत जमीन है वहीं शहरी लोगों के पास 49.4 प्रतिशत। बैंक आदि में ग्रामीणों का डिपॉजिट कुल संपत्ति का 4.5% और शहरी लोगों का 9.1% है। सर्वे के दौरान ग्रामीण-शहरी क्षेत्र में व्यापार करने वाले, अन्य कार्य करने वाले और दोनों तरह के लोगों (खेती करने वाले और न करने वाले) को शामिल किया गया है। इसमें जमीन, मकान, खेती में काम आने वाले उपकरण, परिवहन के साधन, पशुधन, बैंक या घर पर बचत, सोना-चांदी, वित्तीय संपत्तियां, डिपॉजिट, शेयर और खेती के अलावा के बिजनेस को शामिल किया गया है।
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