74वें गणतंत्र दिवस पर सेनाओं ने स्वदेशी शौर्य का प्रदर्शन किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कर्तव्य पथ पर तिरंगा फहराया, उसके बाद परेड की शुरुआत हुई। 90 मिनट चली इस परेड में स्वदेशी हथियारों अर्जुन टैंक, वज्र और ब्रह्मोस नजर आए।
CRPF का ऑल वुमन कॉन्टिजेंट दिखा, नेवी और आकाश मिसाइल सिस्टम की टुकड़ी का नेतृत्व महिलाओं ने किया। 18 फीट ऊंची सीढ़ी पर चढ़ डेयर डेविल्स ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। 50 एयरक्राफ्ट के फ्लाई पास्ट में राफेल गरजे। पहली बार अग्निवीर परेड में शामिल हुए।
आर्म्ड फोर्सेस, राज्यों और विभागों की 23 झांकियां निकाली गईं। UP की झांकी में दीपोत्सव और गुजरात की झांकी पर सौर ऊर्जा चलित गांव की झलक दिखी।
गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि इजिप्ट यानी मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सीसी मुख्य अथिति थे। मोदी ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इजिप्ट की सैन्य टुकड़ी भी परेड का हिस्सा बनी। गणतंत्र दिवस की सुबह प्रधानमंत्री ने संदेश दिया- उम्मीद है कि हम सब मिलकर आजादी के लिए लड़ाई लड़ने वालों का सपना पूरा करेंगे।
परेड की वो बातें, जिन पर गर्व है...
PM मोदी इस बार तीन रंग वाली राजस्थानी पगड़ी में नजर आए, पिछली बार पहनी थी उत्तराखंड की टोपी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परेड से पहले वॉर मेमोरियल गए। शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मोदी भगवा-पीले-लाल रंग की राजस्थानी पगड़ी और सफेद मफलर में नजर आए। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछली बार गणतंत्र दिवस पर कुर्ता-पायजामा पहना था। उनके गले में मणिपुर का पारंपरिक लेंग्यान गमछा था। उन्होंने उत्तराखंड की टोपी पहनी थी, जिस पर ब्रह्मकमल बना था। पूर्व चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत भी ऐसी ही टोपी पहनते थे।
डेयर डेविल्स ने कर्तव्य पथ पर बनाया रिकॉर्ड
सिग्नल कॉर्प्स की डेयर डेविल्स टीम ने कर्तव्य पथ पर रिकॉर्ड बनाया। कॉर्प्स के हवलदार सुजीद मोंडल ने 18 फीट ऊंची सीढ़ी लगाकर मोटरसाइकिल चलाई।
कॉर्प्स के मुताबिक, दुनिया में कभी भी मोटरसाइकिल पर इतनी ऊंचाई वाली सीढ़ी से सवारी नहीं की गई। सुजीद के अलावा लांस नायक अजय यादव ने मोटरसाइकिल पर 50 योग मुद्राएं दिखाईं और नायक स्वप्निल ए ने सूर्य नमस्कार किया। सिग्नल कॉर्प्स के नाम देश और दुनिया में 30 से ज्यादा रिकॉर्ड दर्ज हैं।
तस्वीरों में गणतंत्र दिवस...
इस गणतंत्र पर 7 बातें ऐसी हैं, जो पहली बार हुईं...
1. अंग्रेजों की बनाई तोपों की जगह भारतीय तोपों से दी गई सलामी
गणतंत्र दिवस में राष्ट्रगान के दौरान 21 तोपों की सलामी दिए जाने की परंपरा है। अब तक ये सलामी ब्रिटेन में बनी 25-पाउंडर तोपों से दी जाती थी, जो द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान भी इस्तेमाल की गई थीं। इस बार इनकी जगह भारत में बनी 105MM इंडियन फील्ड गन से सलामी दी गई। ये तोपें जबलपुर और कानपुर की गन फैक्ट्री में बनाई गई थीं।
इन्हें 1972 में डिजाइन किया गया था और ये 1984 से सर्विस दे रही हैं। दिल्ली एरिया के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल भवनीश कुमार ने कहा कि 105MM देश में बनी तोपें हैं इसलिए हम इनसे सलामी देना चाहते हैं। यह हमारे लिए गर्व का विषय है।
2. BSF की ऊंट टुकड़ी में पहली बार महिला अफसर
गणतंत्र दिवस पर पहली बार बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) की ऊंटों की टुकड़ी में महिला अफसर को शामिल किया गया है। सरफेस टु एयर मिसाइल सिस्टम आकाश टुकड़ी का नेतृत्व लेफ्टिनेंट चेतना शर्मा ने किया। इनमें आर्मी के 3 और एयरफोर्स और नेवी की एक-एक मेंबर्स शामिल थे।
लेफ्टिनेंट चेतना ने कहा कि उनका सपना पूरा हो गया। चेतना आर्मी एयर डिफेंस यूनिट में पोस्टेड हैं। चेतना के अलावा लेफ्टिनेंट डिंपल भाटी आर्मी की डेयरडेविल्स मोटरसाइकिल टीम का हिस्सा होंगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए वो पिछले एक साल से ट्रेनिंग कर रही हैं।
3. इंडियन एयरफोर्स के गरुड़ कमांडो, एयर-फील्ड ऑपरेशन में एक्सपर्ट
इंडियन एयरफोर्स (IAF) की स्पेशल गरुड़ कमांडो फोर्स भी परेड में नजर आई। 2004 में बनी इस स्पेशल फोर्स की ट्रेनिंग सबसे ज्यादा 72 हफ्तों तक चलती है। अभी इस फोर्स में 1780 कमांडो हैं। ये एंटी टेरर ऑपरेशन और एयर-फील्ड डिफेंस में एक्सपर्ट होते हैं।
ये सभी तरह के आधुनिक हथियार चलाने में माहिर होते हैं। 2 जनवरी 2016 में पठानकोट एयरबेस पर आतंकवादी हमले के दौरान मोर्चा गरुड़ कमांडोज ने ही संभाला था। इस हमले में 2 सैनिक शहीद हुए थे।
4. फ्लाई पास्ट में पहली और आखिरी बार दिखा विंग्ड स्टैलियन
फ्लाई पास्ट में 44 एयरक्राफ्ट ने हिस्सा लिया। इनमें 9 राफेल भी थे। इनके अलावा C-17, C-130, सुखोई-30 भी फ्लाई पास्ट में शामिल हुए। इन एयरक्राफ्ट्स ने नेत्र, बजरंग, वर्टिकल चार्ली, ध्वज, रुद्र, बाज, प्रचंड, तिरंगा, तंगैल, गरुड़, अमृत और त्रिशूल फॉरमेशन में उड़ान भरी।
खास बात ये है कि नेवी का इल्यूसिन IL-38 पहली और आखिरी बार परेड में शामिल हुआ। निगरानी और एंटी सबमरीन एयरक्राफ्ट 1977 में नेवी में शामिल किया गया था। 42 साल की सेवा के बाद इस साल के आखिर में इसे हटा दिया जाएगा। इसे विंग्ड स्टैलियन भी कहा जाता है।
5. सिर्फ स्वदेशी हथियारों का डिस्प्ले, अग्निवीर भी परेड में शामिल
परेड में सिर्फ मेड इन इंडिया यानी स्वदेशी हथियारों का डिस्प्ले किया गया। यहां तक कि एम्युनिशन भी स्वदेशी हैं। दिल्ली एरिया के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल भवनीश कुमार ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत के तहत सेना कई स्वदेशी इक्विपमेंट्स का प्रदर्शन किया।
इस परेड में K-9 वज्र हॉविट्जर्स, MBT अर्जुन, नाग एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, आकाश एयर डिफेंस मिसाइल और क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल्स नजर आए। मेजर जनरल भवनीश कुमार ने कहा कि हम स्वदेशी की तरफ मुड़ रहे हैं। वो वक्त दूर नहीं जब हमारे सभी उपकरण स्वदेशी होंगे।
6. पहली बार नारकोटिक्स ब्यूरो की झांकी, दिखेंगे कैनाइन मेंबर्स लिंबू और जैली
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की झांकी पहली बार परेड में दिखाई दी। नो ड्रग्स इसका मैसेज था। इस झांकी में NCB मेंबर्स के अलावा उनके डॉग स्क्वॉड के भी 2 मेंबर्स मौजूद रहेंगे। कैनाइन स्क्वॉड के इन डॉग्स का नाम लिंबू और जैली है। ये कई ऑपरेशन में नशे की खेप पकड़वाने में रोल निभा चुके हैं।
झांकी पर नशा मुक्त भारत का संदेश लिखा होगा। साथ ही इसके मेंबर्स भारत के विविध परिधानों के साथ दिखाई दिए। इसके जरिए यह संदेश दिया कि साथ मिलकर हम नशा मुक्त भारत का सपना पूरा कर सकते हैं।
7. दिल्ली पुलिस का महिला पाइप बैंड पहली बार हुआ शामिल
दिल्ली पुलिस के महिला पाइप बैंड पे पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में भाग लिया। इस बैंड की अगुवाई इंस्पेक्टर राजेंद्र सिंह ने की। महिला पाइप बैंड के दस्ते में 32 कॉन्सटेबल शामिल थीं।
परेड में दिखे वीरता पुरस्कार जीतने वाले रोहन रामचंद्र बहीर
देश के 11 बच्चों को इस साल प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार दिया गया है। ये सभी गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा बने। इनमें महाराष्ट्र के रोहन रामचंद्र बहीर भी हैं, जिन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए एक महिला को डूबने से बचाया था।
उनके अलावा आर्ट एंड कल्चर में केरल के आदित्य, तेलंगाना की गौरवी, ओडिशा के संभव मिश्रा और असम की श्रेया भट्टाचार्जी, इनोवेशन में कर्नाटक के ऋषि शिव प्रसन्ना और छत्तीसगढ़ के आदित्य प्रताप, सोशल सर्विस में दिल्ली की अनुष्का जॉली, खेल में जम्मू-कश्मीर की हनाया, गुजरात के शौर्यजीत रजितकुमार और आंध्र की कोलागाटला मीनाक्षी ने भी अवॉर्ड जीते हैं। ये भी परेड में शामिल हुए।
गूगल ने भी डूडल के जरिए दिखाया देश का 74वां गणतंत्र दिवस
अब इंतजार देश के सबसे बड़े ड्रोन शो बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी का
300 साल से चली आ रही बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी 29 जनवरी को होनी है। इस बार इस सेरेमनी में देश का सबसे बड़ा ड्रोन शो होगा। इसमें 3200 ड्रोन शामिल होंगे और शाम के वक्त रायसीना हिल्स पर उड़ान भरेंगे। ये देश की अहम घटनाओं को पेश करेंगे। ड्रोन शो 10 मिनट तक चलेगा।
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