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ED ने पी चिदंबरम की पत्नी की संपंत्ति कुर्क की:शारदा चिट फंड मामले में कार्रवाई, 6 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी जब्त

नई दिल्ली2 महीने पहले
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शारदा चिट फंड मामले में शुक्रवार को ईडी ने कार्रवाई की है। ईडी ने पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम, पूर्व IPS अधिकारी व CPM के पूर्व विधायक देबेंद्रनाथ बिस्वास और असम के पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे अंजन दत्त की कंपनी की 6 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की है।

ईडी ने बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत 3.30 करोड़ रुपए की चल संपत्ति और 3 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति कुर्क करने का अस्थायी आदेश जारी किया गया था।

शारदा ग्रुप ने पोंजी स्कीम चलाते हुए 2500 करोड़ का फ्रॉड किया था। इस ग्रुप के अंडर में 200 कंपनियां काम कर रही थीं।
शारदा ग्रुप ने पोंजी स्कीम चलाते हुए 2500 करोड़ का फ्रॉड किया था। इस ग्रुप के अंडर में 200 कंपनियां काम कर रही थीं।

मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला 2013 तक पश्चिम बंगाल, असम और ओडिशा में शारदा समूह द्वारा कथित चिट फंड घोटाले से संबंधित है।

ईडी के अनुसार शारदा ग्रुप की कंपनी ने लगभग 2,459 करोड़ रुपए जुटाए हैं, जिसमें से लगभग 1,983 करोड़ रुपए अब तक जमाकर्ताओं को ब्याज राशि को छोड़कर बकाया है। ईडी इस मामले में अब तक करीब 600 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क कर चुका है।

यह है शारदा चिट फंड केस
ये फ्रॉड शारदा ग्रुप द्वारा चलाई गई एक पोंजी स्कीम के जरिए किया गया। शारदा ग्रुप 200 कंपनियों का समूह था। महज कुछ सालों में शारदा ग्रुप ने 2500 करोड़ रुपए कमा लिए। 2012 में SEBI के इस पर शिकंजा कसने से ये पोंजी स्कीम ढह गई। 2014 में इसके मालिक सुदीप्तो सेन समेत अन्य लोगों को मनी लॉन्ड्रिंग और फ्रॉड समेत अन्य आरोपों में गिरफ्तार किया गया था।

क्या होती है मनी लॉन्ड्रिंग?
मनी लॉन्ड्रिंग बड़ी मात्रा में अवैध पैसे को वैध पैसा बनाने की प्रक्रिया है। सीधे शब्दों में कहें तो ब्लैक मनी को वाइट करने को मनी लॉन्ड्रिंग कहते हैं। ब्लैक मनी वो पैसा है, जिसकी कमाई का कोई स्रोत नहीं होता, यानी उस पर कोई टैक्स नहीं दिया गया है।

मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ऐसा लगता है कि पैसा किसी लीगल सोर्स से आया है, लेकिन वास्तव में पैसे का मूल सोर्स कोई आपराधिक या अवैध गतिविधि होती है। धोखेबाज इस प्रोसेस का इस्तेमाल अवैध रूप से इकट्ठा पैसे को छिपाने के लिए करते हैं।

सीधे शब्दों में कहें तो मनी लॉन्ड्रिंग पैसे के सोर्स को छुपाने की प्रोसेस है, जो अक्सर अवैध गतिविधियों जैसे ड्रग्स की तस्करी, भ्रष्टाचार, गबन या जुए से मिलता है। यानी अवैध तरीके से मिले पैसे को एक वैध स्रोत में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को ही मनी लॉन्ड्रिंग कहते हैं।

मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए ड्रग डीलर से लेकर बिजनेसमैन, भष्ट अधिकारी, माफिया, नेता तक करोड़ों से लेकर अरबों रुपए तक के फ्रॉड करते हैं।