मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की कस्टडी 13 जून तक के लिए बढ़ा दी गई है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के आदेश के बाद बाहर निकलते समय जैन की तबीयत अचानक बिगड़ गई। जिसके बाद उन्हें दिल्ली के लोहिया अस्पताल ले जाया गया है। जैन ने कोर्ट में जमानत अर्जी भी दाखिल की है।
ED के पास जैन की रिमांड 9 जून को खत्म हो रही थी, इसलिए निदेशालय ने कस्टडी को बढ़ाने की मांग की थी। रिमांड बढ़ाने का फैसला स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने सुनाया।
ED ने छापे के बाद की रिमांड बढ़ाने की मांग
ED के ASG एसवी राजू ने कोर्ट से कहा कि जब जैन कस्टडी में थे तब ED ने उनके दिल्ली-गुरुग्राम के करीब 7 ठिकानों पर छापा मारा था। इस दौरान वहां से करीब 2.82 करोड़ नगद और 1.80 किलोग्राम सोने के सिक्के और बिस्किट मिले थे। इसके अलावा कुछ आपत्तिजनक चीजें भी मिली हैं। इसके लिए जैन से पूछताछ करना बाकी है।
जैन के वकील ने जताई आपत्ति
जैन के वकील कपिल सिब्बल ने ED की मांग का विरोध करते हुए कहा कि जैन पहले से ही हिरासत में हैं और उसकी हिरासत को और बढ़ाने का कोई आधार नहीं है। ED के स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर एन के मट्टा ने कोर्ट को बताया था कि आरोपी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले गिरफ्तार किया था। उन्हें PMLA एक्ट की आपराधिक धाराओं के तहत हिरासत में लिया गया था।
मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार हैं सत्येंद्र जैन
दिल्ली के हेल्थ मिनिस्टर सत्येंद्र जैन को ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है। आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जैन, उनकी पत्नी पूनम और अन्य पर मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि जैन ने कथित तौर पर दिल्ली में कई शेल कंपनियां बनाई या खरीदी थीं। उन्होंने कोलकाता के तीन हवाला ऑपरेटर्स से 54 शेल कंपनियों के जरिए 16.39 करोड़ रुपए का काला धन भी ट्रांसफर किया।
पिछले महीने ED ने जैन परिवार और उनसे जुड़ी कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की थी। 2018 में भी इस मामले में ED ने सत्येंद्र जैन से पूछताछ की थी।
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