दिल्ली की एक कोर्ट ने शरजील इमाम और आसिफ इकबाल तनहा को 2019 के जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में हिंसा के मामले में बरी कर दिया है। हालांकि, शरजील को अभी भी जेल में ही रहना होगा। वह दिल्ली दंगों के कॉन्सपिरेसी केस में भी आरोपी है। उसके खिलाफ कई और FIR भी दर्ज हैं। वहीं, तनहा जमानत पर जेल से बाहर है।
शरजील को देशद्रोह के मामले में भी मिल चुकी है जमानत
4 महीने पहले दिल्ली की एक अदालत ने शरजील इमाम को देशद्रोह के एक मामले में 30 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी थी। इसमें उन पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया गया था, जिसके कारण 2019 में जामिया नगर इलाके में हिंसा हुई थी।
जनवरी 2020 को हुई थी गिरफ्तारी
इमाम तीन साल से तिहाड़ जेल में बंद है। बयान का वीडियो सामने आने के बाद शरजील इमाम चर्चा में आ गया था। इसके बाद उसे नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन से जुड़े कई मामलों में आरोपी बनाया गया। शरजील को जनवरी, 2020 में भड़काऊ भाषण और देशद्रोह से जुड़े एक और मामले में बिहार से गिरफ्तार किया गया था।
इमाम का भाषण
अपने भाषण में इमाम ने कहा था कि भारत से असम को अलग कर दिया जाना चाहिए। अगर हम असम की मदद करना चाहते हैं, तो हमें भारतीय सेना और सप्लाई के लिए असम का रास्ता रोकना होगा। ‘चिकन नेक’ मुसलमानों का है। चिकन नेक 22 किमी का हाईवे है, जो पूर्वोत्तर राज्यों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है।
अब तक 1153 लोग आरोपी बनाए गए
शरजील इमाम, अमर खालिद, खलिद सैफी समेत कई लोगों को फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्व दिल्ली में हुए दंगों का मास्टर माइंड बताते हुए एंटी टेरर लॉ UAPA के तहत गिरफ्तार किया गया है। पूर्वोत्तर दिल्ली हिंसा को लेकर 750 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए। इस हिंसा में करीब 53 लोग मारे गए और कई लोग घायल हुए थे। दंगों से जुड़े मामलों में अब तक 250 से ज्यादा चार्जशीट दाखिल की जा चुकी हैं। इनमें 1,153 लोगों को आरोपी बनाया जा चुका है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.