कांग्रेस से अपनी असहमति के संकेत के साथ, अभिनेता-राजनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने सोमवार को खुलासा किया कि वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निमंत्रण पर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए थे। जिसके एक दिन बाद उन्हें लोकसभा के लिए पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया। इसको लेकर काफी सवाल भी खड़े हो रहे हैं।
आसनसोल से उपचुनाव लड़ेंगे बिहारी बाबू
सिन्हा ने कहा कि ममता सही मायने में जनता की सबसे चर्चित और लोकप्रिय नेता हैं। मैं तृणमूल कांग्रेस की प्रतिभा के पूल का उपयोग करके विपक्ष की आवाज को मजबूत करने की उम्मीद करता हूं। 76 वर्षीय नेता ने आगे कहा, मेरा टारगेट होगा कि मैं कैसे आसनसोल और पश्चिम बंगाल की सेवा कर सकता हूं और उम्मीदों पर खरा उतर सकता हूं। मैं भले ही एक नई दिशा में आया हूं, लेकिन यह सही दिशा है। 'जहां तक कांग्रेस का सवाल है, मैं इस समय किसी के बारे में शिकायत नहीं करना चाहता और न ही मैं इस बात में पड़ना चाहता हूं कि क्या हुआ, क्या नहीं हुआ, क्या होना चाहिए था।
ममता हैं जन नेता
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि कांग्रेस अब एक प्रभावी विपक्ष की भूमिका नहीं निभा सकती, सिन्हा ने कहा, जो लोग एक मजबूत विपक्ष की भूमिका नहीं निभा पा रहे हैं, उन्हें आज नहीं तो कल करना होगा। ममता बनर्जी ने जनशक्ति के साथ सत्ताधारी पार्टी (भाजपा) की धनशक्ति को हराकर रास्ता दिखाने में कामयाबी हासिल की।
अगर मैं बाहरी तो मोदी भी बाहरी
"कोई मुझे 'बाहरी' कैसे कह सकता है? मेरी जन्मभूमि बिहार की तरह, बंगाल हमेशा मेरी कमजोरी रहा है। मैंने बांग्ला में राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म 'अंतोर कोली जात्रा' सहित कई फिल्में फिल्में की हैं। "इसके अलावा, आसनसोल एक कॉस्मोपॉलिटन सिटी है, जहां मेरे प्यारे बंगाली लोगों के अलावा, बिहार, झारखंड और अन्य जगहों के निवासी बड़ी संख्या में निवास कर रहे हैं। अगर मुझे आसनसोल में 'बाहरी' कहा जाता है, तो क्या प्रधानमंत्री के वाराणसी से चुनाव लड़ने के लिए भी उन्हें बाहरी कहा जाएगा?
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