सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने महाराष्ट्र के शिवसेना विवाद पर सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कई सवाल किए। CJI ने कहा कि तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने जल्दबाजी में विधानसभा सत्र बुलाने का फैसला किया। उनके इस फैसले के कारण उनकी भूमिका पर कई सवाल खड़े होते हैं।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में शिवसेना विवाद मामले की सुनवाई CJI की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान पीठ कर रही है। मामले में 5 याचिकाएं दायर की गई हैं।
पढ़िए CJI ने राज्यपाल को लेकर क्या-क्या कहा...
राज्यपाल के पक्ष में बोले SG मेहता
राज्यपाल कोश्यारी का बचाव करते हुए SG मेहता ने कहा- शिवसेना विधायक दल ने एकनाथ शिंदे को नेता चुना था। इसलिए राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने के लिए बुलाया था। 25 जून को 38 विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र राज्यपाल के पास पहुंचा। बताया गया कि उनकी जान को खतरा है। कुछ न्यूज चैनलों के क्लिप भी दिए गए। छोटे दलों के 38 विधायक और निर्दलीय समेत 47 विधायकों ने राज्यपाल को धमकियों की जानकारी दी। इन विधायकों ने तत्काल सुरक्षा की मांग की थी।
भाजपा विधायक दल ने 28 जून को राज्यपाल को लेटर भेजा था। इस पर देवेंद्र फडणवीस के हस्ताक्षर थे। इसमें लिखा था कि ठाकरे सरकार के पास बहुमत नहीं है। ठाकरे सरकार दल-बदल कानून और शक्तियों का दुरुपयोग करके कुछ विधायकों को अयोग्य घोषित करने की कोशिश कर रही है। इसी लेटर में फ्लोर टेस्ट की मांग भी की गई थी।
CJI के रातों-रात गठबंधन टूटने के सवाल पर तुषार मेहता ने कहा- इसका जवाब देना मेरा काम नहीं है। यह एक राजनीतिक बहस का मुद्दा है। मेहता ने यह भी कहा कि शिंदे गुट के विधायकों को धमकी दी जा रही थी। ऐसे में क्या गवर्नर चुपचाप होकर बैठे रहते।
यह था महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन का शुरुआती घटनाक्रम
20 जून को शिवसेना के 15 विधायक 10 निर्दलीय विधायकों के साथ पहले सूरत और फिर गुवाहाटी के लिए निकल गए। 23 जून को शिंदे ने दावा किया कि उनको शिवसेना के 35 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। लेटर जारी किया गया।
25 जून को डिप्टी स्पीकर ने 16 बागी विधायकों को सदस्यता रद्द करने का नोटिस भेजा। बागी विधायक सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। 26 जून को सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना, केंद्र, महाराष्ट्र पुलिस और डिप्टी स्पीकर को नोटिस भेजा।
28 जून को राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे को बहुमत साबित करने के लिए कहा। देवेंद्र फडणवीस ने मांग की थी। 29 जून को सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
30 जून को एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने। भाजपा के देवेंद्र फडणवीस उप मुख्यमंत्री बनाए गए।
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