नई दिल्ली. शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने गुरुवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का वादा अगर अब पूरा नहीं होता तो जनता हमें जूतों से पीटेगी। राउत ने कहा कि 2014 में हमने राम मंदिर निर्माण का वादा किया था, लेकिन हम इसे पूरा नहीं कर पाए। इस बार का लोकसभा चुनाव भी हमने राम मंदिर के नाम पर लड़ा।
राउत ने कहा, चुनाव से पहले हम शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के साथ अयोध्या गए थे। हम मंदिर निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। मेरे मानना है कि इस बार राम मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा, क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता तो जनता हम पर विश्वास करना बंद कर देगी और जूतों से पिटाई करेगी।
\'राम मंदिर का निर्माण जल्द शुरू होगा\'
उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण जल्द ही शुरू होगा। एनडीए को इस बार 350 सीटें मिली हैं। भाजपा के पास 303 सांसद हैं। शिवसेना के पास 18 सीटें हैं। राम मंदिर निर्माण के लिए इससे ज्यादा और क्या चाहिए?
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद संघ के प्रमुख माेहन भागवत ने उदयपुर में एक कार्यक्रम में कहा था कि राम का काम करना है और राम का काम हाेकर ही रहेगा। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में इस बार भी राम मंदिर निर्माण का जिक्र किया है। भाजपा का कहना है कि वह संविधान के अंतर्गत राम मंदिर निर्माण की हर संभव कोशिश करेगी।
मुस्लिमों को तोहफे के तौर पर नहीं देंगे कश्मीर- शिवसेना
धारा 370 पर अपना पक्ष दोहराते हुए शिवसेना ने कहा- मुस्लिमों को कश्मीर तोहफे के तौर पर नहीं देंगे। शिवसेना ने अपने मुख्य पत्र सामना में लिखा, घाटी में मुस्लिमों की आबादी करीब 68.35% है। जबकि, हिंदुओं की आबादी 28.45% है। इसका मतलब यह नहीं है कि कश्मीर मुस्लिमों को दे दिया जाए। वे भी भारतीय हैं और देश का कानून उनके लिए भी होना चाहिए। इसके लिए धारा 370 को निरस्त करना होगा।
भारतीय संविधान में अनुच्छेद 370 के जरिए जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार दिए गए हैं, जिसके तहत तीन मामलों (रक्षा, विदेश और संचार) को छोड़कर भारत सरकार वहां हस्तक्षेप नहीं कर सकती। इसके अलावा राज्य सरकार को नए कानून बनाने के भी अधिकार हैं।
शिवसेना ने अमित शाह की तारीफ की
शिवसेना ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों के नए परिसीमन के मुद्दे को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की भी तारीफ की। शाह ने 4 जून को राज्य में अटके परमीसन के मुद्दे को लेकर राज्यपाल सत्यपाल मलिक, आईबी चीफ राजीव जैन और गृह मंत्रालय के अफसरों के साथ बैठक की थी। शिवसेना ने सामना में लिखा, समय अब बदल रहा है। शाह कश्मीर मुद्दे को प्राथमिकता दे रहे हैं। शाह ने दिल्ली में जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर बैठक कर अपना रुख साफ कर दिया।
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