लद्दाख के समाज सुधारक सोनम वांगचुक (जिनके जीवन पर '3 इडियट्स' फिल्म बनी) ने कहा कि वे लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश किए जाने के बाद से असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। अब लद्दाख स्थायी रूप से राज्यपाल के शासन के अधीन नहीं रह सकता। सोनम ने कहा कि एक समय वो पीएम मोदी के समर्थक थे। जब 2019 में कश्मीर से धारा 370 को हटाया गया तो उन्होंने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया था।
लद्दाख में उग्रवाद के बीज बोये जा रहे
लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद से हम किस तरह से प्रभावित हो रहे हैं, मुझे यह समझने में समय लगा। मैं यह कभी नहीं कहना चाहता था, लेकिन अब कह रहा हूं कि हम जम्मू-कश्मीर में ही बेहतर थे। अब क्षेत्र में कोई सुरक्षा उपाय नहीं हैं। अब लगता है कि लद्दाख में प्रशासन उग्रवाद का बीज बोने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है।
पांच दिन का अनशन कर चुके वांगचुक
वांगचुक ने लद्दाख में पिघलते ग्लेशियर सहित कई मुद्दों पर सरकार का ध्यान खींचने के लिए अपने संस्थान में 26 जनवरी से पांच दिन का अनशन किया था। पहले वे खारदुंग ला दर्रे पर भूख हड़ताल करने वाले थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी थी क्योंकि बर्फबारी के चलते रास्ता जाम हो गया था। वहीं, दर्रे पर माइनस 40 डिग्री तापमान था।
प्रशासन पर नजरबंद करने का आरोप लगाया था
इसके बाद भी सोनम ने दर्रे की ओर जाने का प्रयास किया, लेकिन प्रशासन ने उन्हें वापस उनके संस्थान में लाकर छोड़ दिया। इसके बाद वांगचुक ने आरोप लगाया था कि प्रशासन ने उन्हें नजरबंद कर दिया है। हालांकि, पुलिस ने वांगचुक के आरोपों को खारिज कर दिया। पुलिस ने कहा था कि वांगचुक को सिर्फ माइनस 40 डिग्री तापमान में भूख हड़ताल करने से रोका गया। दर्रे पर जाने की अनुमति न मिलने के बाद स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख के मैदान में भूख हड़ताल शुरू कर दी।
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