सेंसेक्स अभी 60,000 से ऊपर चल रहा है। 1 अप्रैल 2020 से 12 जनवरी 2022 तक इसने 116% बढ़त हासिल की है। जबकि BSE के ही रियल्टी इंडेक्स ने इसी अवधि में 204% का उछाल दिखा। ये मेटल के अलावा अन्य किसी भी इंडेक्स से ज्यादा है। एनारॉक रिसर्च की एक रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है।
एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी कहते हैं, कोरोनाकाल में रियल एस्टेट की डिमांड इस सीमा तक बढ़ गई है कि रियल्टी इंडेक्स ने न केवल ज्यादातर सेक्टर्स को बल्कि बेंचमार्क इंडेक्स को भी पीछे छोड़ दिया है। देश के टॉप शहरों में ओवरऑल रेसीडेंशियल एरिया की बिक्री में लिस्टेड डेवलपर्स की भागीदारी वित्त वर्ष 2017 की तुलना में तीन गुना बढ़कर 18% हो गई है।
इन वजहों से बढ़ी देश में रेसिडेंशियल डिमांड
इस साल 20-30% तक महंगे हो सकते हैं मकान
रियल एस्टेट डेवलपर्स की शीर्ष संस्था क्रेडाई के एक सर्वे में कहा गया है कि बिल्डिंग मटेरियल्स महंगे होने से प्रॉपर्टी के दाम 20-30% तक बढ़ सकते हैं। सर्वे 2022 में शामिल 60% से ज्यादा डेवलपर्स ने दाम 20% तक बढ़ने की उम्मीद जताई।
प्रॉपर्टी के कम दाम और सस्ते लोन का रहा असर
मार्केट एनालिस्ट विनोद नायर ने कहा, बीते दो साल रियल एस्टेट के दाम और लोन रेट कम थे। लोगों के पास दूसरे खर्चों से बचा पैसा भी था। ऐसे में प्रतिष्ठित डेवलपर्स की बिक्री बढ़ी और रियल एस्टेट की ग्रोथ काफी अच्छी रही। अब रियल्टी शेयर महंगे हो गए हैं।
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