श्रीलंका में पिछले 3 महीने से जारी आर्थिक और राजनीतिक संकट के बीच शनिवार को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के देश छोड़कर भागने की खबर सामने आई। एक तस्वीर भी वायरल हुई जिसमें उनका सामान नेवी के जहाज पर उनके कर्मचारी ले जाते दिख रहे हैं।
रविवार को एक और वीडियो सामने आया जिसमें राष्ट्रपति भवन में खुफिया रास्ता होने का दावा किया गया। प्रदर्शन कर रहे लोगों का दावा है कि राष्ट्रपति अपनी जान बचाकर इसी खुफिया रास्ते से देश छोड़कर भागे हैं। राष्ट्रपति भवन के फर्स्ट फ्लोर पर ये बंकर बनाया गया है। बंकर से बाहर जाने के पहले यहां लकड़ी की अलमारी फिट की गई है। इसकी बनावट ऐसी है कि किसी को एक बार में इसे जान पाना मुमकिन नहीं है।
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लापता गोटबाया का आया निर्देश
गोटबाया ने रविवार को श्रीलंका के अफसरों को एक निर्देश जारी किया है। राजपक्षे ने अधिकारियों को गैस की अनलोडिंग और उसकी सप्लाई का काम तेजी से करने का निर्देश दिया है क्योंकि रविवार को केरावलपिटिया में पहला जहाज गैस लेकर पहुंचेगा। श्रीलंकाई मीडिया के अनुसार, 3,740 मीट्रिक टन गैस लेकर आने वाला दूसरा जहाज 11 जुलाई को पहुंचेगा और तीसरा 3,200 मीट्रिक टन गैस 15 जुलाई को आएगा।
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नई सरकार के लिए विपक्षी दलों ने की मीटिंग
इधर, श्रीलंका में नई सरकार के गठन को लेकर विपक्षी दलों ने तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक मुख्य विपक्षी दल समागी जन बालवेगया (SJB) और उसके सहयोगी दल सर्वदलीय सरकार के गठन के लिए जल्द स्पेशल पार्टी मीटिंग बुला सकते हैं। अगर विपक्षी दलों का प्रयास कामयाब रहा तो यह दो महीने में तीसरी सरकार होगी।
दो महीने में चार मंत्रियों का इस्तीफा
इन्वेस्टमेंट प्रमोशन मिनिस्टर धम्मिका परेरा ने आज मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। धम्मिका बीते दो महीने में मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले चौथे मंत्री हैं। वहीं, दूसरी तरफ सेना प्रमुख शैवेंद्र सिल्वा ने लोगों से सिक्योरिटी फोर्सेज और पुलिस का सहयोग करने की अपील की है, ताकि देश में शांति स्थापित की जा सके।
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राष्ट्रपति भवन पर प्रदर्शनकारियों का कब्जा
आंदोनलकारियों ने प्रदर्शन के 116 दिन बाद शनिवार को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आवास पर कब्जा कर लिया। हाउस पर कब्जे के बाद कोलंबो से फरार गोटबाया ने 13 जुलाई को इस्तीफा देने का फैसला किया है। इससे पहले उनके भाई महिंद्रा राजपक्षे मई में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं। श्रीलंका में राजपक्षे परिवार के खिलाफ इसी साल 15 मार्च को प्रदर्शन शुरू हुआ था।
पीएम रानिल विक्रमसिंघे का घर फूंक
इधर, प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के निजी आवास को आग के हवाले कर दिया गया था। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस ने आगजनी की घटना को अंजाम दिया है। हालांकि पुलिस ने इससे इनकार किया है। श्रीलंका में आर्थिक और राजनीतिक संकट का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने कल प्रधानमंत्री के निजी घर में आग लगा दी थी। हालांकि अब प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस ने ही प्रधानमंत्री के घर में आग लगाई है। जब घटना का वीडियो बनाया जा रहा था तो पुलिस ने जबरन लोगों के कैमरे बंद कर दिए।
आखिर कहां गायब हो गए राष्ट्रपति गोटबाया?
श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों के राष्ट्रपति आवास पर कब्जा करने के बाद सबके मन में एक ही सवाल है, आखिर गोटबाया कहां गायब हो गए? स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गोटबाया शुक्रवार को राष्ट्रपति आवास पर ईरान के राजदूत से मिले थे। इसके बाद उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
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एक महीने तक स्पीकर बन सकते हैं श्रीलंका के राष्ट्रपति
राष्ट्रपति भवन पर जनता के कब्जे के बाद दबाव बढ़ा तो प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। इस्तीफे से पहले PM ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई थी, जिसमें असेंबली स्पीकर महिंदा यप्पा अभयवर्धने को अंतरिम राष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव रखा गया। श्रीलंकाई संविधान के अनुसार राष्ट्रपति इस्तीफा दे, तो स्पीकर एक महीने के लिए अंतरिम राष्ट्रपति बन सकते हैं।
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राष्ट्रपति आवास पर कब्जा करने के बाद देर रात प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के घर को भी घेर लिया, जिसके बाद विक्रमसिंघे ने इस्तीफा देने की घोषणा कर दी। इधर, श्रीलंका के चीफ डिफेंस स्टाफ शावेंद्र सिल्वा ने प्रदर्शनकारियों से अपील की है कि शांति बनाए रखने के लिए जवानों का सहयोग करें।
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श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ लंबे वक्त से 'Gota Go Gama' और 'Gota Go Home' आंदोलन जारी है। सिंहली भाषा में गामा का मतलब गांव होता है। इनका मकसद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को सत्ता छोड़ने के लिए मजबूर करना था।
आर्मी कर रही पेट्रोल पंप की निगरानी
श्रीलंका में आम लोगों की रोज पुलिस, आर्मी और एयरफोर्स के साथ झड़पें हो रही हैं, क्योंकि यहीं पेट्रोल पंप की निगरानी कर रहे हैं। समाज में उग्रता अप्रत्याशित तौर पर बढ़ी है, जो दंगों के रूप में उभर जाती है। स्कूल-कॉलेज, अस्पताल बंद पड़े हैं। लिहाजा युवक घर पर अपने परिवार को बेबस जूझते हुए देखने पर मजबूर हैं।
गैस की कमी से लोग घरों में लकड़ी का चूल्हा जलाने को मजबूर
केमिकल फर्टिलाइजर पर बैन के चलते देश में खाद्य संकट पैदा हो गया है। गैस की कमी के कारण लोग घरों में चूल्हा जला रहे हैं। श्रीलंका के मध्यमवर्गीय परिवारों ने भी अपने भोजन की खपत को कम कर दिया है, क्योंकि वे इतनी महंगी खाद्य सामग्री लेने से कतरा रहे हैं।
मई में जो महंगाई 39.1% थी, वो जून में बढ़कर 54.6% हो गई है। अगर सिर्फ खाद्य महंगाई को देखें तो मई में जो 57.4% थी, वो जून में बढ़कर 80.1% हो गई है।
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