मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। परमबीर ने मुंबई में दर्ज एफआईआर रद्द करने या जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की, जिसका महाराष्ट्र सरकार ने विरोध किया। कोर्ट ने परमबीर और इस मामले के एक अन्य आरोपी बीनू नयन वर्गीज को अंतरिम राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी।
इससे पहले सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, महाराष्ट्र में बेहद परेशान करने वाली स्थिति है जहां मुंबई के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह को अपनी ही पुलिस पर और राज्य सरकार को सीबीआई पर भरोसा नहीं है। वहीं, सीबीआई की ओर से पेश वकील ने कहा कि यह अदालत द्वारा सौंपी जांच में हस्तक्षेप का प्रयास है।
परमबीर के वकील ने कहा कि सीबीआई जांच पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। या फिर एफआईआर रद्द की जाए। गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई को नोटिस जारी किया था। सीबीआई ने कहा कि अगर कोर्ट आदेश तो वह परमबीर के खिलाफ जांच करने को तैयार है।
विधायकों का 1 साल का निलंबन निष्कासन से बदतर
महाराष्ट्र विधानसभा में कथित दुर्व्यवहार के लिए 12 भाजपा विधायकों को 1 साल तक निलंबित करने के प्रस्ताव काे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया है। जस्टिस एएम खानविलकर की पीठ ने मंगलवार को कहा कि 1 साल का निलंबन ‘निष्कासन से भी बदतर’ है, क्योंकि इस दौरान निर्वाचन क्षेत्र का कोई प्रतिनिधित्व नहीं हुआ।
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