पेगासस स्पाईवेयर जासूसी मामले की जांच कर रही सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में उन लोगों से ब्योरा मांगा है, जिन्हें लग रहा है कि उनके मोबाइल फोन पेगासस मैलवेयर से हैक हुए हैं। रविवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त तकनीकी समिति ने अवैध जासूसी पर लगाम लगाने के लिए नोटिस जारी कर नागरिकों से उनसे संपर्क करने का आग्रह किया।
कोर्ट ने कहा है कि अगर उन्हें लगता है कि उनके मोबाइल डिवाइस पेगासस मैलवेयर से हैक हुए थे, तो वे तकनीकी समिति से संपर्क कर सकते हैं। नोटिस में नागरिकों से यह भी कारण बताने का आग्रह किया गया है कि वे क्यों मानते हैं कि उनका डिवाइस पेगासस से हैक हो सकता है। शिकायत तकनीकी समिति को 7 जनवरी तक check@pegasus-india-investigation.in इस भेज सकते हैं।
समिति को ये भी बताएं कि आप डिवाइस की जांच कराएंगे
समिति ने अपने नोटिस में कहा है, ‘यदि समिति को लगता है कि मैलवेयर से हैक हुई डिवाइस के संदेह के लिए आपकी प्रतिक्रिया आगे की जांच के लिए मजबूर करती है, तो समिति आपसे अपने डिवाइस की जांच की अनुमति देने का अनुरोध करेगी।’ बता दें कि अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना के नेतृत्व वाली पीठ ने जासूसी के आरोपों की जांच के लिए डाक्टर नवीन कुमार चौधरी, डाक्टर प्रभाकरन और डाक्टर अश्विन अनिल गुमस्ते की एक तकनीकी समिति का गठन किया था।
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