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नया संसद भवन और कॉमन सेंट्रल सेक्रेटरिएट बनाने के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 2:1 से मंजूरी दे दी। 3 जजों की बेंच ने यह फैसला सुनाया। इनमें से एक जस्टिस संजीव खन्ना को फैसले पर आपत्ति थी। 20 हजार करोड़ रुपए की सेंट्रल विस्टा योजना मोदी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है।
कोर्ट के फैसले की अहम बातें
अदालत ने कहा-
शर्त रखी: कंस्ट्रक्शन शुरू करने से पहले हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी (पुरातत्व संरक्षण समिति) की मंजूरी ली जाए।
सलाह दी: सभी कंस्ट्रक्शन साइट्स पर स्मॉग टावर लगाए जाएं और एंटी-स्मॉग गन इस्तेमाल की जाए।
पिटीशनर्स के 3 दावे थे
क्या है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट?
नई संसद की जरूरत क्यों?
मार्च 2020 में सरकार ने संसद में कहा था-
मौजूदा भवन का क्या होगा?
मौजूदा संसद भवन का इस्तेमाल भी जारी रहेगा। इसका उपयोग संसदीय आयोजनों के लिए किया जाएगा। साथ ही इसका इस्तेमाल एक म्यूजियम के तौर पर भी किए जाने का विचार है, ताकि युवा पीढ़ी को लोकतांत्रिक यात्रा के बारे में जानकारी मिल सके।
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