'सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है...' इस बयान से जुड़े मानहानि केस में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने गुरुवार को दोषी करार दिया। इस फैसले के 27 मिनट बाद कोर्ट ने उन्हें 2 साल की जेल की सजा सुनाई और 15 हजार का जुर्माना भी लगाया। इसके कुछ देर बाद कोर्ट ने उन्हें जमानत भी दे दी। साथ ही सजा को 30 दिन के लिए स्थगित कर दिया। सुनवाई के दौरान राहुल कोर्ट में मौजूद रहे।
राहुल ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा। उनके वकील के मुताबिक, 'राहुल ने कहा कि बयान देते वक्त मेरी मंशा गलत नहीं थी। मैंने तो भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी।' उधर, कोर्ट के बाहर विधायक और याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी और उनके समर्थकों ने भारत माता की जय और जय श्रीराम के नारे लगाए।
सजा के बाद राहुल बोले- सत्य मेरा भगवान है
प्रियंका गांधी ने कहा- मेरे भाई न कभी डरे हैं, न कभी डरेंगे
राहुल पर पिछले 4 साल से मानहानि का मामला चल रहा था। कोर्ट ने 17 मार्च को इस मामले में सभी दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था।
पढ़िए कोर्ट रूम में क्या हुआ...
राहुल IPC की धारा 500 में दोषी करार
राहुल को IPC की धारा 499 और 500 के तहत दोषी करार दिया गया है। इसमें 2 साल की सजा का प्रावधान है। राहुल के वकील ने कोर्ट से कहा- इस पूरी घटना में कोई घायल नहीं हुआ। इससे किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। इसलिए हम किसी प्रकार की दया की याचना नहीं करते हैं।
बड़ा सवाल: क्या राहुल गांधी की संसद सदस्यता जा सकती है
जुलाई 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अदालतों में 2 साल या उससे ज्यादा की सजा पाए जनप्रतिनिधियों (विधायकों-सांसदों) की सदस्यता रद्द कर दी जाएगी। इसी आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि जो सांसद या विधायक सजा को ऊपरी अदालत में चैलेंज करेंगे, उन पर सदस्यता रद्द करने का आदेश लागू नहीं होगा।
राहुल गांधी को IPC की धारा 500 के तहत दोषी करार दिया गया है। उनके वकील ने कोर्ट में कहा- हम फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे। हायर कोर्ट में अपील करने के लिए राहुल गांधी के पास 30 दिन का वक्त है। रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल एक्ट 1951 के सेक्शन 8 (3) के मुताबिक 2 साल की सजा होने के बाद टेक्निकली राहुल गांधी की सदस्यता जा सकती है। बशर्ते ये सजा सुप्रीम कोर्ट से भी बरकरार रहे।
राहुल की सजा पर किसने क्या कहा
होटल मालिक से बोले राहुल- मेरे साथ फोटो मत खिंचवाओ, मुश्किल में पड़ जाओगे
लंच करने के बाद होटल के मालिक ने राहुल गांधी के साथ सेल्फी लेने की इच्छा जाहिर की तो राहुल ने कहा- 'मेरे साथ फोटो मत खिंचवाओ। ये लोग मुझे नहीं छोड़ते तो आपको कैसे छोड़ देंगे। मुझे आपके साथ फोटो खिंचवाने में कोई तकलीफ नहीं, लेकिन उसके बाद आप मुसीबत में फंस जाओगे।'
जानिए क्या है मानहानि का पूरा मामला
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान राहुल ने अपने भाषण में कहा था कि चोरों का सरनेम मोदी है। सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है, चाहे वह ललित मोदी हो या नीरव मोदी हो चाहे नरेंद्र मोदी। इस केस की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में पेश हुए थे। आखिरी बार अक्टूबर 2021 की पेशी के दौरान उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था।
पूर्णेश ने कहा था- आखिरी सांस तक लड़ेंगे
यह केस सूरत पश्चिम के विधायक पूर्णेश मोदी ने दर्ज किया था। पूर्णेश का कहना था कि राहुल गांधी ने हमारे समाज को चोर कहा था। चुनावी सभा में हमारे खिलाफ आरोप लगाए गए, जिससे हमारी और समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची। इसी के चलते हम इस मामले को कोर्ट में लेकर आए। हम आखिरी सांस तक लड़ेंगे। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।
हालांकि, राहुल गांधी के वकील ने दलील दी थी कि पूर्णेश मोदी को इस मामले में पीड़ित पक्ष के रूप में शिकायतकर्ता नहीं होना चाहिए था, क्योंकि राहुल गांधी के अधिकांश भाषणों में प्रधानमंत्री को निशाना बनाया गया था न कि पूर्णेश मोदी को।
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रेप पीड़ितों पर दिए बयान पर राहुल गांधी ने दिल्ली पुलिस की नोटिस पर मेल के जरिए 10 पॉइंट में 4 पेज का जवाब दिया है। राहुल ने कहा कि क्या यह मेरी ओर से अडाणी पर दिए गए बयान की वजह से हो रहा है। मैंने बयान 45 दिन पहले दिया था, जिस पर अब अचानक नोटिस देने की क्या जरूरत पड़ गई? देश में अभी भी महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न हो रहा है। पढ़ें पूरी खबर...
राहुल ने 7 बार विदेश से मोदी सरकार को घेरा
'जो लोग प्रधानमंत्री मोदी या उनकी सरकार पर सवाल उठाते हैं, उस पर हमला किया जाता है। BBC के साथ भी यही हुआ। मेरे फोन की जासूसी होती है। विपक्ष के खिलाफ केस दर्ज किए जाते हैं। भारत में विपक्षी नेता के तौर पर यह एक ऐसा दबाव है, जो लगातार झेलना पड़ता है।' यह बयान कांग्रेस नेता राहुल गांधी का है। यह 7वीं बार है जब राहुल गांधी ने विदेशी धरती से मोदी सरकार की आलोचना की है। पढ़ें पूरी खबर...
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