कोरोना महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन ने लोगों का ध्यान काम और जीवन के संतुलन बनाने पर केंद्रित कर दिया है। कर्मचारी चार-दिन के वर्क वीक की मांग कर रहे हैं। इस बीच भारत में वर्क वीक को लेकर किए गए सर्वे की रिपोर्ट सामने आई है। इसमें लोगों ने ज्यादातर 4-दिन के वर्क वीक को प्राथमिकता दी है।
अमेरिकी एचआर कन्सल्टेंसी फर्म क्वाल्ट्रिक्स ने यह सर्वे किया है। इसके मुताबिक, भारत में कम से कम 62% फुल-टाइम एम्पलॉयी एक लचीले वर्क रुटीन के पक्ष में हैं। लगभग 86% लोगों का मानना है कि 4-दिन के वर्क वीक से उन्हें काम और जीवन के बीच बेहतर संतुलन बनाने में मदद मिलेगी। इन लोगों का मानना है कि इससे यह उनकी प्रोडक्टिविटी में भी सुधार कर सकता है और मानसिक शांति पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
77% लोग काम के लंबे समय पर चिंतित
सर्वे में शामिल 77% लोगों ने 4-दिन के काम वाले शेड्यूल के साथ कुछ समस्याएं भी गिनाई हैं। वह लंबे समय तक काम करने को लेकर चिंतित हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह लोगों को सुस्त बना देगा, क्योंकि फ्राइडे सिंड्रोम गुरुवार दोपहर से ही शुरू हो सकता है।
नया ट्रेंड कंपनी के प्रदर्शन को प्रभावित करेगा
सर्वे में पता चला है कि कई लोग इस बात से चिंतित हैं कि ग्राहकों की निराशा बढ़ सकती है। वहीं, 62% इस बात से चिंतित हैं कि यह यह नया ट्रेंड कंपनी के प्रदर्शन को किस तरह प्रभावित करेगा। एचआर एक्सपर्ट वरदा पेंडसे कहती हैं कि काम के लिए 8-9 घंटे ठीक हैं, लेकिन एक बार यह समय 12 घंटे हो गया तो चुनौतीपूर्ण हो जाएगा।
परफॉर्मेंस को काम के घंटों-दिन के बजाय रिजल्ट से मापा जाए
सर्वे में ज्यादातर ने कहा कि रिमोट वर्क व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर निगेटिव और पॉजिटिव दोनों प्रभाव डालता है। इसके समाधान के रूप में 88% लोगों ने कहा, वे एक नए कामकाजी मॉडल के समर्थन में हैं जिसमें परफॉर्मेंस को काम के घंटों और दिन के बजाय रिजल्ट से मापा जाए। इस तरह काम करना चार दिन के वर्क वीक में तब्दील हो सकता है।
भारत में 1 जुलाई से लागू होंगे नए लेबर कोड!
केंद्र सरकार 01 जुलाई से नए लेबर कोड लागू कर सकती है। इसके बाद कर्मचारी के काम के घंटे, हाथ में आने वाली सैलरी और पीएम में भी बदलाव होगा। माना जा रहा है कि सरकार 4-दिन के वर्क वीक को प्राथमिकता दे सकती है। हालांकि, अभी तक नए नियमों में लागू करने की कोई आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं की गई है। पूरी खबर पढ़ें...
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