नई दिल्ली/चेन्नई/वाराणसी. नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे तमिल लेखक नेल्लई कन्नन को तमिलनाडु पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि 29 दिसंबर को सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के प्रदर्शन में कन्नन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। भाजपा प्रवक्ता नारायणन थिरुपाठी ने कहा कि लेखक ने लोगों को हिंसा और हत्या के लिए उकसाने का प्रयास किया है।
उधर, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने वाराणसी में कहा, “आप प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं? किसके खिलाफ कर रहे हैं? यदि हिंदू पाकिस्तान और बांग्लादेश से भारत नहीं आएंगे तो कहां जाएंगे? वे इटली तो जाएंगे नहीं! सिख इटली नहीं जाएंगे। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उन्हें शरण दें और नागरिकता प्रदान करें।”
जामिया के एल्युमिनाई ने कैंडल मार्च निकाला
दिल्ली में जामिया यूनिवर्सिटी के एल्युमिनाई एसोसिएशन ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ कैंडल मार्च निकाला। एसोसिएशन के अध्यक्ष फराज ने कहा, “हम नए कानूनों के खिलाफ छात्रों के प्रदर्शन का समर्थन करते हैं और जब तक सरकार उचित कदम नहीं उठाती, प्रदर्शन जारी रहेगा।”
12 दिसंबर को सीएए को मंजूरी मिली
बीते 12 दिसंबर को सीएए को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी। तभी से दिल्ली समेत कई राज्यों में इसे लेकर विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है। नए कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत में शरण लिए हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध और इसाई शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता प्रदान किया जाना है। इस कानून के तहत उन्हें ही नागरिकता दी जाएगी जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ चुके हैं।
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