10 फरवरी 1929। इस दिन पहली बार किसी भारतीय को पायलट का लाइसेंस मिला था और वो थे - जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा, जिन्हें हम जेआरडी टाटा के नाम से जानते हैं।
जेआरडी टाटा को पायलट का लाइसेंस मिल गया था और अब उनका अगला कदम खुद की एयरलाइन शुरू करना था। 3 साल बाद ही जेआरडी टाटा ने अपनी एयरलाइंस की शुरुआत की, जिसे नाम दिया गया टाटा एयरलाइंस। ये भारत की पहली कॉमर्शियल एयरलाइन थी।
15 अक्टूबर 1932 को टाटा एयरलाइन ने अपनी पहली उड़ान भरी। पाकिस्तान के कराची से अहमदाबाद होते हुए मुंबई तक की इस फ्लाइट को जेआरडी टाटा ने खुद उड़ाया था।इस सिंगल इंजन विमान का नाम 'डी हैविलैंड पस मोथ' था। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि देश की इस पहली एयरलाइन की पहली उड़ान में सवारियां नहीं बल्कि 25 किलो चिट्ठियां भेजी गई थीं।
हालांकि इसके बाद पहले ही साल टाटा की एयरलाइन में 155 पैसेंजर ने सफर किया और विमानों ने ढाई लाख किलोमीटर से भी ज्यादा दूरी तक उड़ान भरी। इसी साल टाटा एयरलाइंस ने बॉम्बे से त्रिवेंद्रम तक की उड़ान भी शुरू की, जो उस समय एयरलाइन की सबसे लंबी दूरी की फ्लाइट थी।
अगले कई सालों तक टाटा एयरलाइन देश में डोमेस्टिक फ्लाइट ऑपरेट करती रही, लेकिन दूसरे विश्वयुद्ध की वजह से देश में कॉमर्शियल उड़ानों पर रोक लगा दी गई। विश्व युद्ध खत्म होने के बाद 1946 में टाटा एयरलाइंस एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी बन गई और इसका नाम बदलकर एअर इंडिया कर दिया गया।
8 जून 1948 को एअर इंडिया ने अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय उड़ान भरी। मुंबई के सांताक्रूज एयरपोर्ट से उड़ा ये विमान 10 जून को लंदन पहुंचा। इस फ्लाइट को मालाबार प्रिंसेज नाम दिया गया था, जिसमें जेआरडी टाटा और जामनगर के नवाब अमीर अली खान को मिलाकर कुल 35 लोग सवार थे।
1953 में सरकार ने देश में काम कर रही 8 एयरलाइन कंपनियों का राष्ट्रीयकरण कर दिया। इन सभी कंपनियों को मिलाकर इंडियन एयरलाइंस और एअर इंडिया बनाई गई। एअर इंडिया को इंटरनेशनल तो इंडियन एयरलाइंस को डोमेस्टिक फ्लाइट्स संभालने का जिम्मा दिया गया।
2021 में सरकार ने 18 हजार करोड़ में एअर इंडिया को दोबारा टाटा ग्रुप को बेच दिया। जेआरडी टाटा की शुरू की गई टाटा एयरलाइन 89 साल बाद दोबारा टाटा ग्रुप के हाथों में आ गई।
आज मिसाइल मैन अब्दुल कलाम का जन्मदिन
रामेश्वरम में 15 अक्टूबर 1931 को पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म हुआ था। उनका पूरा नाम डॉक्टर अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। पूरा देश उन्हें मिसाइल मैन के नाम से जानता है।
उन्होंने देश के दो महत्वपूर्ण संस्थानों- भारतीय अंतरिक्ष शोध संगठन (ISRO) और रक्षा शोध और विकास संगठन (DRDO) में लंबे समय तक काम किया। भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट से लेकर पृथ्वी और अग्नि मिसाइल तक के विकास में उनका अहम योगदान रहा है।
2002 में उन्हें भारत का राष्ट्रपति भी बनाया गया। 27 जुलाई 2015 को कलाम शिलॉन्ग के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के एक प्रोग्राम में लेक्चर देने गए थे। हमेशा युवाओं के चहेते रहे कलाम अपने निधन के कुछ समय पहले तक युवाओं के बीच ही थे।
15 अक्टूबर के दिन को इतिहास में इन महत्वपूर्ण घटनाओं की वजह से भी याद किया जाता है...
2018: माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर पॉल एलन का निधन हुआ।
2003: अंतरिक्ष में मानवयुक्त यान भेजने वाला चीन तीसरा देश बना।
1994: पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल ने भारत के आईआरएस पी2 को कक्षा में स्थापित किया।
1993: दक्षिण अफ्रीका के नेता नेल्सन मंडेला और एफ डब्ल्यू क्लार्क को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए चुना गया।
1988: उज्जवला पाटिल दुनिया का चक्कर लगाने वाली पहली एशियाई महिला बनीं।
1969: सोमालिया के राष्ट्रपति अब्दुल राशिद केली शेरमार्के की हत्या कर दी गई।
1957: भारतीय फिल्म निर्देशक मीरा नायर का जन्म हुआ।
1951: अमेरिकी टेलीविजन के हास्य धारावाहिक ‘आई लव लूसी’ का प्रसारण शुरू हुआ।
1542: मुगल वंश के सम्राट अकबर का जन्म हुआ।
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