एक बार फिर से महंगाई बढ़ने के संकेत मिले हैं। खाद्य तेल, मसाले, चाय, कॉफी, चीनी, मिठाई और इंसुलिन जैसी जीवन रक्षक दवाओं समेत तमाम चीजें महंगी हो सकती हैं। दरअसल, GST काउंसिल होने वाली 47वीं बैठक में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) की न्यूनतम दर को 5% से बढ़ाकर 8% करने पर विचार कर सकती है।
राजस्व बढ़ाने और क्षतिपूर्ति के लिए केंद्र पर राज्यों की निर्भरता खत्म करने के लिए GST व्यवस्था में छूट वाले उत्पादों की सूची में भी काट-छांट संभव है। सूत्रों के अनुसार राज्यों के वित्त मंत्रियों का एक समूह (GOM) काउंसिल को इस माह के अंत तक अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है। इसमें सबसे निचले टैक्स स्लैब को बढ़ाने और स्लैब को तर्कसंगत बनाने जैसे कई कदमों के सुझाव दिए जा सकते हैं।
वर्तमान में GST के टैक्स स्लैब में चार दरें - 5%, 12%, 18% और 28% हैं। आवश्यक वस्तुओं को इस टैक्स से छूट है या सबसे निचले स्लैब में रखा है। लग्जरी चीजों पर सबसे ऊंची टैक्स स्लैब में रखा गया है। सूत्रों के मुताबिक GOM टैक्स की न्यूनतम दर को 5% से बढ़ाकर 8% करने का प्रस्ताव रख सकता है।
GST की निचली दर 5% के दायरे में आने वाले आयटम और सर्विसेस
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