केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारत के दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा- एक समृद्ध देश होने के बावजूद यहां के लोग गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी, जातिवाद, अस्पृश्यता और महंगाई का सामना कर रहे हैं। यहां अमीर और गरीब लोगों के बीच की खाई और गहरी होती जा रही है, इस खाईं को पाटने की जरूरत है।
वह गुरुवार को नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संगठन भारत विकास परिषद के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा- हम गरीब लोगों के अमीर देश हैं। उन्होंने कहा- देश में आर्थिक और सामाजिक समानता की जरूरत है। गरीब और अमीर के बीच फासला काफी बढ़ा है।
गडकरी का बयान जब वायरल होने लगा और इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आने लगीं तो उन्होंने इस पर सफाई भी दी। उन्होंने कहा- मुझे यह जानकर दुख हुआ है कि एक बार फिर हमारे समाज और राष्ट्र के सामने की समस्याओं के बारे में मेरे बयान को संदर्भ से बाहर कर दिया गया है। कुछ बेईमान तत्व इसका आनंद ले रहे हैं। यह केवल गलतफहमी पैदा करने के लिए है और कुछ नहीं, गडकरी ने बयान में कहा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अमीर-गरीब की खाई को पाटने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य सहित ऐसे अन्य क्षेत्रों में काम करने की जरूरत है। उन्होंने देश में 124 आकांक्षी जिलों को विकसित करने के लिए एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि देश के ये 124 आकांक्षी जिले सामाजिक और शिक्षा और स्वास्थ्य के मामले में पिछड़ रहे हैं। देश में शहरी क्षेत्रों में खूब विकास हुआ है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में सुविधाओं और अवसरों की कमी के कारण एक बड़ी आबादी शहरों की ओर पलायन कर कर रही है।
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