वर्ल्ड बैंक ने कोरोना से निपटने में विकासशील देशों की मदद के लिए आगे आया है। इसने इन देशों को मदद के तौर पर 12 बिलियन डॉलर (करीब 88 हजार करोड़ रु.) देने को मंजूरी दी है। यह रकम वैक्सीन खरीदने, तैयार करने और कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाएगी। वर्ल्ड बैंक के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स की बोर्ड मीटिंग में मंगलवार को इस बारे में फैसला किया गया। बैंक ने 100 करोड़ लोगों को टीका लगाने के अभियान को सपोर्ट करने का भी ऐलान किया है।
वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष डेविड मलपास ने कहा यह फाइनेंशियल प्रोग्राम दुनिया के जरूरतमंद देशों की मदद करने लिए शुरू किया गया है। जिन देशों के पास कोरोना से बचाव के लिए कम सुविधाएं, वहां वायरस को फैलने से रोकने में यह मददगार होगा। गरीब देशों को मेडिकल इक्विपमेंट खरीदने और हेल्थ सर्विसेज सुधारने में मदद मिलेगी। उन्हें एक्सपर्ट्स की सलाह मुहैया कराई जाएगी और पॉलिसी तैयार करने में भी मदद की जाएगी
सभी देशों तक वैक्सीन पहुंचाना जरूरी: वर्ल्ड बैंक
मलपास ने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए सभी देशों तक किफायती और असरकारी वैक्सीन पहुंचाना जरूरी है। इसकी डिलेवरी सिस्टम मजबूत होनी चाहिए। दुनिया के कई देशों पर महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है, वित्तीय नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि अभी वैक्सीन तैयार नहीं हुए हैं, लेकिन डिलेवरी सभी देशों में सही ढंग इनकी डिलेवरी की तैयारी अभी से शुरू करनी होगी। महामारी को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू करना होगा। इन्फेक्शन से होने वाली दूसरी बीमारियों को रोकने के लिए भी कदम उठाने होंगे।
इस साल वर्ल्ड बैंक ने भारत को 5.13 अरब डॉलर का कर्ज दिया
कोरोना की रोकथाम के लिए पहले भी इसने इतनी ही रकम भारत को दी थी। इस साल वर्ल्ड बैंक ने भारत को दिया 5.13 अरब डॉलर का कर्ज 2020 के वित्तीय वर्ष (जुलाई 2019-जून 2020) के दौरान, वर्ल्ड बैंक ने भारत को 5.13 अरब अमेरिकी डॉलर कर्ज दिया है, जो एक दशक में सबसे ज्यादा है। इसमें कोरोना महामारी के लिए तीन महीनों में दिए गए 2.75 अरब डॉलर शामिल हैं। मई में वर्ल्ड बैंक ने भारत को 1 बिलियन डॉलर (करीब 7500 करोड़ रु.) के सोशल सेक्युरिटी पैकेज देने का ऐलान किया था।
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