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असम की बालिका वधुओं की कहानी:निमी ने कहा- रात 2 बजे पति को उठा ले गए; रेजिना बोलीं- आधार में गड़बड़ी, बेटे का क्या कसूर

​​​​​​​ मोरीगांव2 महीने पहले

असम में बाल विवाह के खिलाफ पिछले 3 दिनों में 10 जिलों से 2 हजार 278 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें ऐसी शादियां कराने वाले हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के पुजारी-मौलवी भी शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि उनके पास कुल 8 हजार लोगों की लिस्ट है। इतनी बड़ी संख्या में पुरुषों गिरफ्तारी के बाद पीछे छूटी महिलाएं मुश्किलों का सामना करने को मजबूर हैं।

निमी की आंखों में मां बनने की खुशी नहीं है, बल्कि डर और असुरक्षा है। रेजिना की आंखों में खालीपन है। वह समझने की कोशिश कर रही है कि उसकी हंसती-खेलती खुशहाल दुनिया एक झटके में कैसे बदल गई। असम के मोरीगांव जिले में रहने वाली ज्यादातर औरतों का यही हाल है। पढ़ें दो कहानियां...

पहली कहानी निमी की: रात दो बजे पुलिस आई और पति को उठा ले गई, डेढ़ महीने का बच्चा लेकर कहां जाऊं...

निमी उन हजारों बालिका वधुओं में से है, जिनके पतियों को पिछले दो दिनों में असम पुलिस ने पूरे राज्य में बाल विवाह के खिलाफ चलाए जाए रहे अभियान के तहत गिरफ्तार किया है। निमी ने बताया- गुरुवार की रात लगभग 2 बजे दरवाजे पर दस्तक हुई। दरवाजा खोला, तो पुलिसकर्मी बाहर खड़े थे। वो अंदर आए और पति को पकड़कर ले गए।

उसने कहा- हमारा डेढ़ महीने का बेटा रोता रहा, लेकिन वह नहीं माने। मैं इस मासूम को लेकर कहां जाऊंगी। 17 साल की निमी ने भागकर गोपाल बिस्वास के साथ शादी की थी, जो 20 साल का है। वह अपने पति के साथ गांव के चौराहे पर पकौड़े बेचकर गुजर-बसर करती थी।

सरकार ने पहले चेतावनी क्यों नहीं दी?
गोपाल का बड़ा भाई युधिष्ठिर माता-पिता के साथ पास में ही रहता है। उसने बताया- मैं मुश्किल से इतना कमाता हूं कि अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकूं। निमी और उसके बेटे की देखभाल कौन करेगा? पति की गिरफ्तारी के बाद उसने कुछ नहीं खाया है। बच्चा भी अब बीमार हो रहा है। युधिष्ठिर ने कहा- सरकार को हमें पहले चेतावनी देनी चाहिए थी।

पुलिस ने शनिवार तक 2,258 लोगों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने शनिवार तक 2,258 लोगों को गिरफ्तार किया है।

दूसरी कहानी रेजिना की: आधार में बहू की उम्र कम; इसमें बेटे का क्या कसूर, उसे क्यों गिरफ्तार किया

रजीबुल हुसैन को गुरुवार शाम करीब 6 बजे घर से उठाया गया था। वह कुछ ही मिनट पहले केरल से अपने पिता के साथ घर लौटा था। उसकी मां रेजिना बताती हैं- बेटे ने लव मैरिज की थी। रेजिना से जो भी बात करता है वह उसे बताती है- मेरी बहू कम उम्र की नहीं है, लेकिन उसके आधार कार्ड में कुछ गड़बड़ी थी, जिसके कारण मेरा बेटा आज जेल में है। अब बहू अपने जन्म रिकॉर्ड प्राप्त करने के लिए मूल स्थान के चक्कर लगा रही है।

कई लोगों के आधार में गड़बड़ी के मामले
रेजिना के परिवार के पड़ोसी ने दावा किया कि रजिबुल की पत्नी जैसे कई लोग शादी के समय नाबालिग नहीं थे, लेकिन आधार कार्ड के लिए नामांकन करते समय उनकी जन्मतिथि गलत दर्ज की गई थी। उनका दावा है कि पुलिस ने स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से डेटा लिया था, जो गलत है। अब, हम इन महिलाओं को उनके मूल जन्म रिकॉर्ड प्राप्त करने में मदद कर रहे हैं, ताकि उनके पतियों को जमानत मिल सके।

शेल्टर होम में रह रहीं कई लड़कियां
इस मामले में जहां कुछ को अपने परिवारों से मदद और समर्थन मिल रहा है, वहीं रिया देवी जैसी कई अपने पतियों की गिरफ्तारी के बाद अधिकारियों की दया पर निर्भर हैं। सरकार की ओर से संचालित शेल्टर होम में रह रही 16 साल की रिया ने बताया- पति ही मेरे सब कुछ हैं, क्योंकि हमने भागकर शादी की थी। अब मैं यहां से अपनी एक साल की बेटी को लेकर कहां जाऊं?

शेल्टर होम में रहने वाली 9 महीने की गर्भवती रूपा (16) ने कहा- मेरे पति को आजाद करो। हमने सहमति से शादी की थी। अब मैं उनके बिना क्या करूंगी।

2026 तक जारी रहेगा अभियान
राज्य मंत्रिमंडल ने 23 जनवरी को अपराधियों को गिरफ्तार करने का फैसला किया था। 15 दिन से भी कम समय में पुलिस ने बाल विवाह के 4,004 मामले दर्ज कर लिए। इसके अलावा बाल विवाह को लेकर जागरूकता अभियान भी चलाया गया था। उधर, CM हिमंत बिस्वा सरमा का कहना है कि बाल विवाह के खिलाफ अभियान 2026 में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव तक जारी रहेगा।

सरकार ने क्यों लिया ये फैसला?
बाल विवाह को लेकर नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट सामने आई थी। इसमें पता चला कि असम में मातृ-शिशु मृत्यु दर सबसे ज्यादा है। इसकी बड़ी वजह बाल विवाह को बताया गया। रिपोर्ट के मुताबिक बाल विवाह के सबसे ज्यादा 370 मामले असम के धुबरी जिले में दर्ज हुए।

वहीं, होजई में 255 और उदलगुरी में 235 केस, मोरीगांव में 224 और कोकराझार में 204 केस दर्ज किए गए हैं। दीमा हसाओ में 24, कछार में 35 और हैलाकांडी जिले में बाल विवाह का सिर्फ एक मामला दर्ज किया गया। ये रिपोर्ट सामने आने के बाद जनवरी 2023 में सरकार ने कैबिनेट बैठक में बाल विवाह के मामलों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने का फैसला किया था।

3 जनवरी से इस पर कार्रवाई भी शुरू कर दी गई। अब तक कुल 2278 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें विश्वनाथ से 139, बारपेटा से 130, धुबरी से 126, बक्सा से 123, बोंगईगांव से 117, नगांव से 101, कोकराझार से 94, कामरूप से 85, गोलपारा और उदलगुरी जिले से 84-84 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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पिता गिरफ्तार न हो इसलिए महिला ने की खुदकुशी, पिता ने बाल विवाह कराया था

असम में बाल विवाह में किसी भी तरह शामिल होने वाले 2170 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस बीच एक महिला के खुदकुशी करने का मामला सामने आया है। सीमा खातून उर्फ खुशबू नाम की यह महिला जब नाबालिग थी, तो उसकी शादी करा दी गई थी। बाल विवाह कराने के लिए उसके पिता को गिरफ्तार न किया जाए, इसलिए शुक्रवार रात उसने पंखे से लटककर खुद को मार डाला। पढ़ें पूरी खबर...

असम में बाल विवाह में शामिल हुए 52 पुजारी-काजी गिरफ्तार

असम सरकार ने शुक्रवार को बाल विवाह के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया। राज्य में बाल विवाह में शामिल हुए 52 पुजारियों और काजी को गिरफ्तार किया गया है। DGP जीपी सिंह ने बताया कि सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां धुबरी, बारपेटा, कोकराझार, विश्वनाथ जिलों में हुई हैं। इससे पहले गुरुवार शाम को बाल विवाह मामले में 7 लोगों को अरेस्ट किया गया था। पूरे राज्य में अब तक करीब 1800 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी हैं। पढ़ें पूरी खबर...