पूरे कश्मीर को कन्याकुमारी तक रेल के जरिए जोड़ने का सपना इस साल दिसंबर तक साकार हो जाएगा। दरअसल, उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) का 90% काम पूरा हो चुका है। USBRL के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि जम्मू और कश्मीर को जोड़ने वाली लाइन के लिए सभी जरूरी सुरंगें बनकर तैयार हो चुकी हैं। बाकी भी तेजी से चल रहा है।
अब उम्मीद जताई जा रही है कि नवंबर से दिसंबर के बीच रेलवे नेटवर्क का उद्घाटन हो जाएगा। अभी ट्रेन कश्मीर की तरफ से बारामूला से बनिहाल और जम्मू की तरफ से कटरा तक चलती है। इस वक्त कटरा को बनिहाल से जोड़ने का काम चल रहा है।
2002 में वाजपेयी सरकार ने राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया
1905 में कश्मीर के तत्कालीन महाराजा ने मुगल रोड के रास्ते से श्रीनगर को जम्मू से जोड़ने वाली रेलवे लाइन बिछाने की घोषणा की थी। शुरुआती काम के बाद परियोजना में देर हुई और बाद में इसे छोड़ दिया गया। फिर मार्च 1995 में 2500 करोड़ रुपए की लागत से काम शुरू किया गया था, लेकिन अगले 7 सालों में खास उन्नति नहीं हुई। 2002 मे वाजपेयी सरकार ने इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया, तब इसकी लागत 6000 करोड़ रुपए हो गई।
लाइन बिछाने का काम भौगोलिक समस्याओं से भरा हुआ था। इन सबसे पार पाते हुए अब यह नेटवर्क तैयार होने की तरफ पहुंच गया है। हालांकि आज इस परियोजना की लागत 27,949 करोड़ रुपए हो चुकी है। यह 20 वर्षों की देरी से चल रही है।
चुनौती: बनिहाल-कटरा खंड का 97.34 किलोमीटर का हिस्सा सुरंगों वाला
कटरा-बनिहाल का 111 किमी लंबा रेल खंड बन रहा है। ये सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि इस लाइन का 97.34 किमी हिस्सा सुरंगों से गुजरता है। इसमें जम्मू से बारामुला तक पहाड़ों, ढलानों और भूकंप वाला संवेदनशील इलाका हैं। इसी कारण इसमें 27 प्रमुख पुल और 10 छोटे पुल बनाने पड़े हैं। प्रमुख 21 बनकर तैयार हैं। इसी खंड में चिनाब ब्रिज भी है।
दूरदराज के इलाकों में निर्माण स्थलों तक पहुंचने के लिए 203 किमी नई सड़कें बनानी पड़ी। एक अधिकारी ने कहा कि कटरा-बनिहाल खंड के तहत 163.88 किलोमीटर (सुरंगें मिलाकर) में से 162.6 किमी का काम पूरा हो चुका है। वहीं 117.7 किमी में से 31.3 किलोमीटर ट्रैक बनकर तैयार है। दिसंबर में भारत की सबसे लंबी एस्केप टनल, जो बनिहाल-कटरा रेलवे लाइन पर 12.89 किमी लंबी है, पूरी हो चुकी है।
लाभ: रेल चलने से सेब देशभर में भेजे जा सकेंगे, देश के पर्यटक ट्रेन से आएंगे कश्मीर
रेलवे लाइन के चालू होने से कश्मीर की अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। कश्मीर के सेब जैसे फल को देश के बाकी हिस्सों में तेजी से पहुंचाया जाएगा। वहीं, दक्षिण भारत के केले की पहुंच कश्मीर तक होगी। पर्यटक भी आसानी से और बड़ी संख्या में कश्मीर पहुंचेंगे। यह स्थानीय अर्थव्यवस्था के आर्थिक उत्पादन में वृद्धि करेगा।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.