महाराष्ट्र में सरकार गिरने के 26 दिन बाद उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे और भाजपा पर तल्ख बयान दिए हैं। सामना को दिए इंटरव्यू में उद्धव ने कहा कि उनके साथ विश्वासघात हुआ है। दिल्ली ने महाराष्ट्र की पीठ में छुरा घोंपा है। महाराष्ट्र सरकार गिराने की प्लानिंग तब की गई, जब वे अस्पताल में भर्ती थे और हिल भी नहीं पा रहे थे।
उद्धव ने कहा, ‘अगर मैंने उसे (शिंदे को) मुख्यमंत्री बना भी दिया होता तो उसके इरादे शैतानी हैं। सड़े हुए पत्तों को पेड़ से गिर ही जाना चाहिए। जिन्हें पेड़ ने सब कुछ दिया, वे खुद ही पेड़ को छोड़कर जा रहे हैं। जिन्हें सबसे ज्यादा फायदा मिला, वही पार्टी छोड़कर गए। ये वो लोग थे, जो अपनी ही मां (असली शिवसेना) को निगल जाना चाहते हैं, लेकिन मां तो आखिर मां होती है। हम साधारण लोगों में से असाधारण लीडर्स बनाएंगे।'
शिंदे पर भरोसा करना सबसे बड़ी गलती
उद्धव ने कहा कि शिंदे गुट पर भरोसा करना उनकी सबसे बड़ी गलती थी। उद्धव ने शिंदे गुट से कहा कि वे बालासाहेब के नाम पर वोट न मांगें। ये बातें उन्होंने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ को दिए इंटरव्यू में कही। मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद यह उद्धव का पहला इंटरव्यू है।
यह भी पढ़ें: किसे मिलेगा शिवसेना का तीर-कमान:EC ने शिंदे-ठाकरे से 8 अगस्त तक दस्तावेज मांगे
भाजपा ने मांगें मानी होतीं, तो ये हालात न बनते
शिंदे गुट के साथ गठबंधन करने को लेकर उद्धव ने भाजपा पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘अगर भाजपा ने 2019 में मेरी मांगें मान ली होतीं, तो उनके लिए हमारे मन में इज्जत बढ़ जाती। भाजपा ने अब जाे किया है, वह तब बेहद इज्जतदार तरीके से हो सकता था। उन्होंने इस बार जो करोड़ों रुपए खर्च किए हैं, वे बच जाते। दिल्ली ने महाराष्ट्र की पीठ में छुरा घोंपा है। जिन लोगों ने उनका ख्याल रखा, अब वे उन्हें ही खत्म कर देना चाहते हैं।’
यह भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा उद्धव गुट:कहा - असली शिवसेना किसकी, अभी तय नहीं कर सकते, जल्दबाजी कर रहा चुनाव आयोग
हिंदुओं के बीच एकता खत्म करने की कोशिश
उद्धव ने कहा कि कुछ लोग हिंदुओं के बीच एकता को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि शिवसेना खत्म हो जाए ताकि वे हिंदुत्व के अकेले ब्रांड बने रहें। वे ठाकरे को शिवसेना से अलग करना चाहते हैं।
NCP ने कभी आवाज दबाने की कोशिश नहीं की
शिवसेना, कांग्रेस और NCP के गठबंधन महा विकास अघाड़ी के बारे में उद्धव ने कहा कि यह गठबंधन नवंबर 2019 में हुआ था। अगर यह प्रयोग एक गलती था तो लोग हमारे खिलाफ विद्रोह कर चुके होते, लेकिन अजीत पवार ने कभी मेरी आवाज दबाने की कोशिश नहीं की।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.