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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन इस साल रिपब्लिक डे पर होने वाले समारोह के चीफ गेस्ट होंगे। उन्होंने इसके लिए भारत का न्योता स्वीकार कर लिया है। ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ मंगलवार को डेलीगेशन लेवल की बातचीत में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि PM जॉनसन को भारत की ओर से गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने का न्योता भेजा गया था। उन्होंने इसे कबूल कर लिया है। यह हमारे लिए बहुत सम्मान की बात है। साथ ही PM बोरिस जॉनसन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले साल ब्रिटेन की मेजबानी में होने वाली जी-7 समिट में शामिल होने के लिए बुलावा भेजा है।
चार दिन के दौरे पर आए हैं ब्रिटेन के फॉरेन मिनिस्टर
The UK and India are reinforcing our partnership as a force for good in a changing world.
— Dominic Raab (@DominicRaab) December 15, 2020
Today @DrSJaishankar and I agreed to work together to deliver an Enhanced Trade Partnership to unlock the huge potential for British and Indian businesses and jobs. pic.twitter.com/4WF3IBIRbf
डोमिनिक राब सोमवार को चार दिन के दौरे पर भारत आए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने सोशल मीडिया पर बताया कि मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रिटेन के विदेश मंत्री का स्वागत किया। दोनों की मुलाकात का एजेंडा रीजनल और इंटरनेशनल मुद्दों पर बातचीत करना है।
भारत यात्रा के दौरान डोमिनिक राब पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल के साथ भी मुलाकात करेंगे। विदेश मंत्रालय ने इस यात्रा के बारे में कहा कि कोरोना और ब्रेक्जिट के दौर में डोमिनिक राब का यह दौरा बिजनेस, डिफेंस, क्लाइमेट, माइग्रेशन, एजुकेशन और हेल्थ के क्षेत्र में साझेदारी का रास्ता तैयार करेगा।
आतंकवाद और कट्टरपंथ पर बातचीत
बैठक के बाद एस जयशंकर ने कहा कि डोमिनिक राब बहुत अहम समय में भारत आए हैं। हम कोरोना और ब्रेक्जिट के बाद की दुनिया की ओर देख रहे हैं। यह इन मसलों पर चर्चा का सबसे अच्छा वक्त है। मीटिंग के दौरान दोनों देशों ने अफगानिस्तान के हालात के अलावा गल्फ और इंडो पैसेफिक रीजन के डेवलपमेंट का रिव्यू किया।
उन्होंने कहा कि भारत के पास इंडो-पैसेफिक एरिया के लिए अपना एक विजन है। यह अच्छी बात है कि अब इंडो-पैसेफिक के विचार की मान्यता बढ़ रही है। मीटिंग में आतंकवाद और कट्टरपंथ से उभरी चुनौतियों पर भी बात की गई। दोनों देशों की ये साझा चिंताएं हैं।
'भारत के साथ गहरे रिश्ते चाहते हैं'
राब ने कहा कि मीटिंग में इस बात पर फोकस किया गया है कि भारत और यूके के रिश्तों को कैसे ऊंचाई पर ले जाना है। हमने 5 सब्जेक्ट पर ज्यादा ध्यान दिया है। इनमें कनेक्टिंग पीपुल, ट्रेड एंड प्रॉसपेरिटी, डिफेंस एंड सिक्योरिटी, क्लाइमेट चेंज और हेल्थ शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि हम 2021 में ब्रिटेन की अध्यक्षता में होने वाली जी-7 बैठक और UN क्लाइमेट चेंज कॉन्फ्रेंस के दौरान होने वाली बातचीत का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन UN सिक्योरिटी काउंसिल में भारत की वापसी का स्वागत करता है। ब्रिटेन भारत के साथ आर्थिक संबंधों को और गहरा करना चाहता है।
भारत G-7 ग्रुप का सदस्य नहीं
दुनिया की सात सबसे बड़ी इकोनॉमी वाले देशों के G-7 ग्रुप में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं। भारत इसका सदस्य नहीं है।
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