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ब्रिटेन के ब्रैडफोर्ड शहर की सिख एसोसिएशन ने किसान आंदोलन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीरा बा को खत लिखा है। ब्रिटिश एजुकेशनल एंड कल्चरल एसोसिएशन ऑफ सिख (BECAS) ने 14 दिसंबर को लिखे खत में कहा कि किसान आंदोलन को लेकर कुछ लोग पंजाब की माताओं को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए और आपको अपने बेटे से इस बारे में बात करनी चाहिए।
भास्कर ने BECAS के अध्यक्ष त्रिलोचन सिंह दुग्गल से फोन पर बात की। उन्होंने कहा, 'कुछ महिलाएं भाजपा के समर्थन में पंजाब की मांओं के बारे में गलत प्रचार कर रही हैं। बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनोट भी इनके बारे में गलत शब्दों का इस्तेमाल करती हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए।'
पत्र में क्या लिखा है?
आदरणीय श्रीमती हीराबेन जी,
बड़े खेद के साथ हम आप से आपके बेटे और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करने की अपील करते हैं। सभी माताओं का उसी तरह से सम्मान किया जाना चाहिए, जिस तरह से आप मोदी जी की सम्मानित मां हैं। भारत के हर राज्य में मां समान रूप से सम्मानित हैं और हर परिवार में उनको एक विशेष दर्जा मिलता है। भाजपा समर्थक कुछ एक्ट्रेस पंजाब की उन मांओं को बदनाम कर रही हैं, जो कृषि कानूनों को खत्म करने की मांग करते हुए किसान आंदोलन में शामिल हुई हैं।
हम मोदी जी और उनकी सरकार से अपील करते हैं कि पंजाब की मांओं के बारे में गलत भाषा का इस्तेमाल करने वाले समर्थकों को रोकें और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करें। हमें उम्मीद है कि आप देश की मां-बहनों के सम्मान की भारतीय परंपरा को बनाए रखने की पूरी कोशिश करेंगे।
लोगों की बात सुनना नेता का फर्ज
भास्कर से बात करते हुए त्रिलोचन सिंह दुग्गल ने कहा, 'सभी को उनका हक मिलना चाहिए। भारत एक लोकतांत्रिक देश है और लोकतंत्र लोगों के दिल की आवाज है। लोग अपना नेता चुनते हैं। इन हालात में लोगों को सुनना नेता का फर्ज हो जाता है। चाहे मां पंजाब की हो या किसी और राज्य की। हमें मानवता को समझना चाहिए।'
कंगना के बयान के बाद हीरा बा को पत्र लिखने का सोचा
दुग्गल ने बताया, 'हमने देखा कि कंगना रनोट समेत कुछ महिलाएं जो भाजपा का समर्थन करती हैं, मांओं के बारे में गलत भाषा का इस्तेमाल करतीं हैं। इस बारे में हमारी ओर से यह एक इमोशनल अपील है कि कंगना रनोट भी भारतीय हैं और भारत की हर लड़की का सम्मान किया जाना चाहिए। अगर उन्होंने गलती की है, तो एक बुजुर्ग के रूप में प्रधानमंत्री को उन्हें रोकना चाहिए।'
अपनी एक पोस्ट में कंगना ने किसान आंदोलन में शामिल बुजुर्ग महिला को शाहीन बाग की दादी बताते हुए कहा था कि वे 100 रुपए में प्रदर्शन के लिए आ जाती हैं।
हमारे पास हीरा बा का पता नहीं है
दुग्गल ने कहा, 'हमारे पास हीरा बा का पता नहीं है, इसलिए हमने पत्र को अपने इंटरनल सर्कल में सर्कुलेट किया था। हमें उम्मीद है कि यह पत्र उनके पास पहुंच जाएगा। हमनें इस बारे में प्रधानमंत्री या किसी सरकारी एजेंसी से संपर्क नहीं किया है।'
BECAS भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देता है
BECAS विदेशों में रहने वाले भारतीय बच्चों को भारतीय संस्कृति की जानकारी देता है। एसोसिएशन भारत की परंपरा के साथ जुड़े पारिवारिक मूल्यों की समझ देने की एक्टिविटीज कर रहा है।
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