बिड़ला प्रिसिशन टेक्नोलॉजी (BPT) के MD वेदांत बिड़ला ने रतन टाटा को भारत रत्न दिए जाने की मांग की है। असम में कैंसर अस्पतालों के उद्घाटन के मौके पर रतन टाटा ने बेहद भावुक स्पीच दी। अपनी स्पीच की शुरुआत अंग्रेजी से करते हुए उन्होंने कहा कि वे अपनी जिंदगी के आखिरी साल स्वास्थ्य को समर्पित कर रहे हैं।
वेदांत बिड़ला ने ट्वीट करते हुए कहा कि रतन टाटा जैसे दिग्गज को इस तरह बूढ़ा होते देखना बेहद दुखद है। हमारे देश के लिए उनका योगदान अतुलनीय है। वह ‘भारत रत्न’ डिजर्व करते हैं।
रतन टाटा ने आखिर सालों को हेल्थ के लिए समर्पित किया
असम के डिब्रूगढ़ में पीएम नरेंद्र मोदी ने कैंसर ट्रीटमेंट सेंटर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उद्योगपति रतन टाटा ने अपने जीवन के आखिरी साल को स्वास्थ्य के लिए समर्पित करने का ऐलान किया था। कैंसर अस्पताल के उद्घाटन के मौके पर पीएम मोदी असम के सीएम हेमंत बिस्वा सरमा, पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल सहित अन्य लोग मौजूद थे।
रतन टाटा ने कहा-मैं हिंदी नहीं बोल पाऊंगा, इसलिए अंग्रेजी में बोलूंगा-
कैंसर अस्पताल के उद्घाटन के मौके पर रतन टाटा ने अपने संबोधन की शुरुआत इंग्लिश में की और हिंदी में भाषण नहीं दे पाने पर माफी मांगी। कुछ देर अंग्रेजी में बोलने के बाद रतन टाटा खुद को रोक न सके और टूटी-फूटी हिंदी में बोलने लगे। उन्होंने इस दौरान कहा- वे जो कुछ भी कहेंगे, दिल से कहेंगे।
भारत रत्न देने के लिए दायर हो चुकी है याचिका
रतन टाटा को भारत रत्न देने की पहले भी मांग उठ चुकी है। रतन टाटा को भारत रत्न देने की मांग को लेकर याचिका राकेश नाम के व्यक्ति ने दायर की थी। राकेश खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। उनका कहना था कि टाटा भारत रत्न के हकदार हैं, क्योंकि वो देश की सेवा कर रहे हैं। याचिका में कोरोना महामारी के दौरान रतन टाटा के योगदान का भी उल्लेख किया गया था।
दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका को किया था खारिज
दिल्ली हाईकोर्ट ने उद्योगपति रतन टाटा को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस नवीन चावला की पीठ ने कहा था कि किसी भी व्यक्ति को भारत रत्न देने के लिए को निर्देश देने का काम अदालत का नहीं है।
टाटा को मिल चुका है पद्म विभूषण टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा को भारत सरकार द्वारा 2000 में पद्म भूषण और 2008 में भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। 2006 में महाराष्ट्र सरकार द्वारा दिया जाने वाला सबसे बड़ा पुरस्कार महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार और 2021 में असम सरकार द्वारा असम वैभव सम्मान सम्मानित किया जा चुका है।
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