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टॉलीवुड डायरेक्टर के.विश्वनाथ का 92 साल की उम्र में निधन:71 साल के करियर में 55 फिल्मों को डायरेक्ट किया, 43 फिल्मों में एक्टिंग की

2 महीने पहले
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के. विश्वनाथ के पार्थिव शरीर को अस्पताल से जुबली हिल्स स्थित उनके निवास स्थान पर देर रात करीब 1 बजे लाया गया। - Dainik Bhaskar
के. विश्वनाथ के पार्थिव शरीर को अस्पताल से जुबली हिल्स स्थित उनके निवास स्थान पर देर रात करीब 1 बजे लाया गया।

टॉलीवुड के जाने-माने फिल्म डायरेक्टर और एक्टर के. विश्वनाथ का गुरुवार देर रात निधन हो गया। वह 92 साल के थे। लंबी बीमारी के चलते उन्हें हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उनका पार्थिव शरीर अस्पताल से जुबली हिल्स स्थित उनके निवास स्थान पर देर रात करीब 1 बजे लाया गया।

विश्वनाथ को साल 2017 में दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। ये इंडियन फिल्म इंडस्ट्री का सर्वोच्च अवॉर्ड है। इसके अलावा उन्हें 6 नेशनल फिल्म फेयर अवॉर्ड, 8 स्टेट नंदी अवॉर्ड और 10 फिल्मफेयर पुरस्कार अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है।

अनिल कपूर से लेकर एआर रहमान ने दी श्रद्धांजलि ...

अनिल कपूर ने ट्वीट करते हुए कहा- के. विश्वनाथ जी आपने मुझे बहुत कुछ सिखाया है, ईश्वर के समय आपके साथ सेट पर होना मंदिर में होने जैसा था।
अनिल कपूर ने ट्वीट करते हुए कहा- के. विश्वनाथ जी आपने मुझे बहुत कुछ सिखाया है, ईश्वर के समय आपके साथ सेट पर होना मंदिर में होने जैसा था।
सिंगर एआर रहमान ने कहा कि आपकी फिल्मों ने मेरे बचपन को मानवीयता और आश्चर्य से भर दिया। उनमें ट्रेडिशनल, संगीत और नृत्य अद्भुत होता था।
सिंगर एआर रहमान ने कहा कि आपकी फिल्मों ने मेरे बचपन को मानवीयता और आश्चर्य से भर दिया। उनमें ट्रेडिशनल, संगीत और नृत्य अद्भुत होता था।
एक्टर जूनियर एनटीआर ने कहा कि विश्वनाथ ने तेलुगू सिनेमा को देश से बाहर प्रसिद्धि दिलाई। उन्होंने शंकरभरणम और सागर संगम जैसी बेहतरीन फिल्में बनाई हैं। उनके निधन एक अपूरणीय क्षति पहुंची है। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं।
एक्टर जूनियर एनटीआर ने कहा कि विश्वनाथ ने तेलुगू सिनेमा को देश से बाहर प्रसिद्धि दिलाई। उन्होंने शंकरभरणम और सागर संगम जैसी बेहतरीन फिल्में बनाई हैं। उनके निधन एक अपूरणीय क्षति पहुंची है। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं।

साउंड आर्टिस्ट के रूप में करियर की शुरुआत की थी
के. विश्वनाथ का जन्म 19 फरवरी, 1930 को आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के रेपल्ले में हुआ था। उन्हें कला तपस्वी के नाम से भी जाना जाता था। उन्होंने हिंदू कॉलेज गुंटूर में इंटरमीडिएट की पढ़ाई की। इसके बाद आंध्र विश्वविद्यालय से साइंस में स्नातक किया। अपनी पढ़ाई खत्म करने के बाद विश्वनाथ ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत वाहिनी स्टूडियो चेन्नई में एक साउंड आर्टिस्ट के रूप में की थी।

71 सालों में 55 फिल्मों को डायरेक्ट किया
के. विश्वनाथ ने 1951 में तेलुगु फिल्म पत्थल भैरवी में असिटेंट डायरेक्टर के रूप में काम किया। इसके बाद उन्होंने 1965 में फिल्म आत्मा गोवरवम को डायरेक्ट किया, जिसने स्टेट नंदी अवॉर्ड जीता। उनकी सबसे बड़ी फिल्मों में शंकरभरणम, स्वाथिनुथ्यम, सागर संगमम और स्वयंकृषि शामिल हैं। विश्वनाथ ने आखिरी फिल्म साल 2010 में आई 'सुभाप्रदम' को डायरेक्ट किया था। करियर के 71 सालों में उन्होंने 55 फीचर फिल्मों में डायरेक्टर और 43 फिल्मों में एक्टर के रूप में काम किया।