- विजिलेंस की टीम ने पूर्व लोकल बॉडीज मंत्री सिद्धू के लिए 7 लाख की लागत से बनाए गए ऑफिस में छापेमारी की
- मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच पिछले लोकसभा चुनाव से मतभेद हैं
- दो दिन से कैप्टन दिल्ली में थे, लेकिन उन्होंने इस मसले पर राहुल गांधी से मुलाकात नहीं की, सिर्फ अहमद पटेल से मिले
अमृतसर. मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच करीब दो महीने से जारी विवाद बढ़ता ही जा रहा है। इस बीच बॉर्डर रेंज विजिलेंस की टीम ने शनिवार को नगर निगम में पूर्व लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के लिए 7.1 लाख की लागत से बनाए ऑफिस में छापेमारी की।
टीम ने आफिस से सिविल वर्क से संबंधित 200 फाइलें, वॉल्ड सिटी में बने 352 अवैध होटल, कंपाउंड किए 2 होटलों की फाइलें और एक अन्य कार्य से जुड़ी 32 फाइलें कब्जे में लीं। इनकी वीडियोग्राफी भी की गई। उधर, इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की सेल ब्रांच से 400 फाइलें, डेवलपमेंट और अन्य कार्यों की 60 फाइलें भी जब्त कर ली हैं। लोकल बॉडीज डायरेक्टर ने पिछले साल नगर निगम में ऑफिस बनाने का कहा था।
कैप्टन ने अहमद पटेल से सिद्धू मामले पर चर्चा की
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह शुक्रवार और शनिवार को दिल्ली में थे। उन्होंने इस मसले पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात नहीं की। वे केवल वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से मिलकर ही लौट आए। इस विवाद को सुलझाने की जिम्मेदारी पटेल को सौंपी गई थी। इससे पहले सिद्धू भी दिल्ली आए थे। उन्होंने राहुल गांधी से चर्चा कर अपनी बात रखी थी।
कैप्टन और सिद्धू के बीच बातचीत बंद
सिद्धू के विभाग बिजली नहीं संभालने पर सोमवार को सीएम ने बिजली विभाग की मीटिंग बुलाई है। इसमें किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं की समस्याओं पर चर्चा की जाएगी। वहीं, सूत्रों का कहना है कि कैप्टन सिद्धू के बदले गए विभाग पर अपने पुराने स्टैंड पर कायम है। उधर, सिद्धू चंडीगढ़ में रहकर भी घर से एक किमी दूर सचिवालय जाकर अपने विभाग का काम संभालने या कैप्टन से बात करने की जहमत नहीं उठा रहे हैं।
लोकसभा चुनाव से शुरू हुआ था विवाद
- लोकसभा चुनाव में टिकट न मिलने पर सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने अमरिंदर के खिलाफ नाराजगी जताई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की वजह से अमृतसर से लोकसभा का टिकट नहीं मिला। वहीं, सिद्धू ने भी पत्नी का समर्थन किया था। अमरिंदर ने इन आरोपों से इनकार कर दिया था।
- इसके बाद जून के पहले हफ्ते में अमरिंदर ने सिद्धू का मंत्रालय में बदल दिया। उन्हें ऊर्जा और नवीन-नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय दिया गया है। पहले वे पर्यटन और शहरी विकास मंत्री थे।
- सिद्धू मंत्रालय बदलने से भी नाराज थे। उन्होंने नए मंत्रालय कार्यभार नहीं संभाला। इसके बाद मुख्यमंत्री ने खुद इस महकमे का कार्य संभाल लिया।