- कोलकाता के एनआरएस अस्पताल में मेडिकल स्टाफ से मारपीट हुई थी, इसी के बाद कई अस्पतालों के डॉक्टर 4 दिन से हड़ताल पर
- सीएम ममता बनर्जी ने कहा था- डॉक्टर हड़ताल खत्म कर काम पर लौटें, नहीं तो कड़ी कार्रवाई होगी
- ममता के इसी बयान पर बंगाल जूनियर डॉक्टर जॉइंट फोरम नाराज, ममता के सामने छह शर्तें रखीं
- दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब, मप्र और बिहार के डॉक्टर भी जॉइंट फोरम के समर्थन में, आईएमए ने 17 जून को देशभर में हड़ताल का आह्वान किया
कोलकाता. दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) के डॉक्टरों ने शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। रेसीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने न्यूज एजेंसी से कहा, ‘‘हमने पश्चिम बंगाल सरकार की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। हमारी मांग है कि हड़ताल कर रहे डॉक्टरों की बात मानी जाए, नहीं तो हम सभी लोग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।’’
इससे पूर्व इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने 14 जून से तीन दिनों तक देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन शुरू करने के साथ 17 जून को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था। आईएमए ने अस्पतालों में डॉक्टरों के खिलाफ होने वाले हिंसा की जांच के लिए कानून बनाने की मांग की। संगठन का कहना है कि इसका उल्लंघन करने वालों को न्यूनतम सात साल जेल की सजा का प्रावधान होना चाहिए। बंगाल में अब तक 300 डॉक्टर इस्तीफा दे चुके हैं, जिसमें कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल के 175 डॉक्टरों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दिया है।
जूनियर डॉक्टरों के जॉइंट फोरम के प्रवक्ता डॉ.अरिंदम दत्ता ने हड़ताल वापस लेने के लिए सीएम बनर्जी के सामने छह शर्तें रखी हैं।
- मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को डॉक्टरों को लेकर दिए गए बयान पर बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए
- डॉक्टरों पर हुए हमले की निंदा करते हुए एक बयान जारी करना चाहिए
- पुलिस की निष्क्रियता की जांच होनी चाहिए
- डॉक्टरों पर हमला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए
- जूनियर डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों पर लगाए गए झूठे आरोपों को वापस लिया जाना चाहिए
- अस्पतालों में सशस्त्र पुलिसकर्मियों की तैनाती की जानी चाहिए
इससे पहले पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं के बाद शुरू हुई हड़ताल को शुक्रवार को देशभर से समर्थन मिला। दिल्ली, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, मध्यप्रदेश और बिहार के डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया। दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने दिनभर के बंद का ऐलान किया।
दरअसल, बंगाल के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में 11 जून को जूनियर डॉक्टरों के साथ मारपीट हुई थी। इसके बाद से डॉक्टर विरोध जता रहे हैं। मुख्यमंत्री ममता ने गुरुवार को इस हड़ताल को भाजपा और माकपा की साजिश बताया। उन्होंने डॉक्टरों को हड़ताल खत्म नहीं करने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी। अब तक कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के 95, दार्जिलिंग में नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज के 119 और सागर दत्ता मेडिकल कॉलेज के 18 डॉक्टरों समेत कई अस्पतालों के 300 डॉक्टर इस्तीफा दे चुके हैं। उनका कहना है कि वे हिंसा और धमकियों के माहौल में काम नहीं कर सकते।
भाजपा ने ममता से इस्तीफे की मांग की
भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग की। दरअसल, बंगाल में गृह और स्वास्थ्य विभाग का प्रभार ममता के पास ही है। भाजपा ने डॉक्टरों की समस्या को हल करने के लिए राज्यपाल के.एन. त्रिपाठी से हस्तक्षेप की मांग की है। भाजपा नेता मुकुल राय ने कहा कि राज्यपाल को तत्काल मुख्यमंत्री से बात करनी चाहिए। इस गतिरोध को दूर करने और शांति बहाल करने के लिए अपनी संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करना चाहिए।
ममता ने डॉक्टरों को हड़ताव खत्म करने का अल्टीमेटम दिया था
मुख्यमंत्री बनर्जी गुरुवार को कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल पहुंची थीं। उन्होंने पुलिस को अस्पताल खाली कराने का आदेश दिया था। साथ ही डॉक्टरों को गुरुवार दोपहर तक काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया था। ममता ने कहा था कि अगर डॉक्टर इस आदेश का पालन नहीं करते तो उनपर कार्रवाई की जाएगी।
हर्षवर्धन ने कहा- ममता इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा न बनाएं
दिल्ली एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने बंगाल में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से मुलाकात की। हर्षवर्धन ने कहा, ''मैं ममता बनर्जी से अपील करता हूं कि इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा न बनाएं। उन्होंने डॉक्टरों को अल्टीमेटम दिया, जिसकी वजह से वे नाराज होकर हड़ताल पर चले गए। मैं उनसे इस मुद्दे पर बात करने की कोशिश करूंगा। देशभर के डॉक्टरों से कहना चाहता हूं कि सरकार उनकी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। डॉक्टरों से अनुरोध करता हूं कि वे प्रतीकात्मक विरोध करें और अपना काम जारी रखें।''
इन जगहों पर हो रहा प्रदर्शन
राजस्थान के जयपुरिया अस्पताल के डॉक्टरों ने हाथ में काली पट्टी बांधकर ड्यूटी की। हैदराबाद में निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के डॉक्टरों ने विरोध मार्च निकाला। रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने ‘वी वांट जस्टिस’ के नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया। केरल में भारतीय चिकित्सा संघ त्रिवेंद्रम के सदस्यों ने भी विरोध जताया। नागपुर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर ने भी प्रदर्शन किया। दिल्ली में भी डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी है।