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मनाया गया 349वां प्रकाशोत्सव, समारोह में शामिल हुए देशभर श्रद्धालु

7 वर्ष पहले
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पटना. गुरुगोविंद सिंह महाराज ने विश्व में एकता, अखंडता, सद‌्भावना और बंधुत्व का संदेश दिया। धर्मरक्षा के लिए गुरुजी का त्याग व बलिदान प्रेरणादायक है। यह बात खालसा पंथ के संस्थापक गुरुगोविंद सिंह महाराज के 349वें प्रकाशोत्सव पर आयोजित विशेष दीवान में विद्वानों ने कही।
शनिवार को प्रकाशोत्सव का मुख्य समारोह था। इसमें देशभर से रागी जत्था, कवि, संत, संगीतकार और विद्वान आए। सुबह में आशाजी वार, अरदास और हुकुमनामा के बाद समारोह शुरू हुआ। गुरु शबद पर विचार संत ज्ञानी हरनाम सिंह जी खालसा मुख्य दमदमी टकसाल ने रखा।
सुबह विशेष दीवान में रागी जत्थों ने भजन प्रस्तुत किए। पटना साहिब के भाई जोगिंदर सिंह ने तही प्रकाश हमारा भयो, पटना शहर बिखै लयो... से संगत को निहाल किया। जालंधर के भाई हरजोत सिंह ने छतरधारी छतरी पत छल रूप छत राख की... प्रस्तुत किया। चंडीगढ़ के भाई बलबीर सिंह ने जिने तोहे घियाउ तिने पुरन प्रताप पाईउ... प्रस्तुत किया। भाई गुरुमीत सिंह राज रंगीला ने साचु कहो सुन लेहु सभै... पेश किया। अमृतसर के भाई सुखजीत सिंह ने मन चउ भईया प्रभ आगम सुनिया... पेश किया। बंगला साहिब दिल्लीवाले भाई गुरविंदर सिंह पारस ने साचु कहो सुन लेहु सभै, जिन प्रेम कियो तिन ही प्रभु पायो... पेश किया।
माता कौला अमृतसर के भाई गुरुदीप सिंह, चंडीगढ़ के भाई निशान सिंह, भाई लोकिंदर सिंह, ज्ञानी दलजीत सिंह, नवविंदर सिंह, भाई हरजभन सिंह आदि ने कीर्तन से संगत को निहाल किया। अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी जसवीर सिंह खालसा, ज्ञानी रणजीत सिंह ने गुरुजी के संदेशों पर विचार रखे। तख्त पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह ने गुरु महाराज के शस्त्रों का दर्शन कराया।
गुरुजी के संदेश प्रेरणादायक
मुख्य समारोह में राज्यपाल रामनाथ कोविंद भी आए। उन्होंने कहा कि गुरु महाराज के त्याग और बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता। वे महान लोकनायक और युग प्रवर्तक महापुरुष थे। उनके संदेश प्रेरणादायक हैं। राज्यपाल ने कैलेंडर और स्मारिका का विमोचन किया। विधायक नंदकिशोर यादव भी समारोह में आए।

आतिशबाजी और शबद कीर्तन
शाम में भाई निशान सिंह ने कीर्तन आरंभ किया। पाठ रहिरास साहिब, आरती अरदास और हुकुमनामा हुआ। शिरोमणि प्रचारक ज्ञानी रणजीत सिंह गौहर ए मसकीन ने कथा पर प्रकाश डाला। तख्त साहिब में चल रहा श्री गुरुग्रंथ साहिब का अखंड पाठ संपन्न हुआ। जन्मकथा के वक्त हजुरी रागी जत्था ने कीर्तन कर संगत को निहाल किया। देररात बैंड-बाजों पर गुरुवाणी की धुन बजने लगी। चारों ओर खुशी का माहौल बन गया। फूलों की बरसात हुई। तख्त परिसर में आतिशबाजी हुई। स्टेट की सेवा का दायित्व सरदार कल्याण सिंह ने पूरा किया। इसके बाद अरदास हुई। 2017 में आयोजित होने वाले 350वें प्रकाशोत्सव पर चर्चा हुई।

लंगर में शामिल हुए हजारों श्रद्धालु

प्रकाशोत्सव पर तख्त साहिब में 24 घंटे लंगर चला। इसमें देश-विदेश से आए सिख श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। बाला प्रीतम सिंह सेवा सोसाइटी एवं दशमेश परिवार सेवा सोसाइटी की ओर से आधा दर्जन जगहों पर अटूट लंगर चला। सेवा में दर्जनों सिख श्रद्धालु लगे रहे।