पटना. किडनी के वैसे मरीज, जिन्हें डायलिसिस की जरूरत होती है, उनके लिए राहत की खबर है। अभी चार मेडिकल काॅलेज अस्पताल समेत 13 जिला अस्पतालों में पीपीपी मोड पर डायलिसिस की सुविधा है। नए साल में और चार मेडिकल काॅलेज अस्पताल और तीन जिलों में डायलिसिस की सुविधा शुरू की जाएगी। यानी आठ मेडिकल कॉलेज अस्पताल और 16 जिलों में मरीजों को डायलिसिस की सुविधा मिलेगी।
राज्य स्वास्थ्य समिति के प्रशासी पदाधिकारी रजनीश के मुताबिक- तय सभी जगहों पर डायलिसिस की सुविधा बहाल हो जाने पर मरीज शहर आने से निजात मिल जाएगी। बाकी जगहों पर सुविधा शुरू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
इन मेडिकल कॉलेजों में पीपीपी मोड पर सुविधा
एनएमसीएच पटना, एएनएमसीएच गया, जवाहरलाल मेडिकल काॅलेज व अस्पताल, डीएमसीएच दरभंगा।
इन जिलों में पीपीपी मोड पर सुविधा है :
मधुबनी, समस्तीपुर, शेखपुरा, गोपालगंज, बक्सर, नालंदा, मोतिहारी, सुपौल, लखीसराय, जमुई, अररिया, बांका, अरवल।
यहां भी है सुविधा
पीएमसीएच और न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल में। यहां मुफ्त में डायलिसिस होती है। पीएमसीएच में करीब दस डायलिसिस की व्यवस्था है।
बढ़ रहे मरीज
किडनी रोग विशेषज्ञ पद्मश्री डॉ.इंदुभूषण सिन्हा कहते हैं- खानपान में गड़बड़ी की वजह से किडनी मरीजों की संख्या बढ़ रही है। खाद्य पदार्थों में फर्टीलाइजर के इस्तेमाल से भी किडनी की बीमारी होती है। 10 फीसदी किडनी मरीजों को डायलिसिस की जरूरत होती है। इसमें .1 फीसदी मरीज ही डायलिसिस करा पाते हैं। गरीब मरीज पैसे के अभाव में नहीं करा पाते हैं और उनकी मौत हो जाती है। रिनल फेल्योर की शिकायत होने पर सप्ताह में दो बार डायलिसिस की जरूरत होती है।