सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर फिल्में बनाने वाले प्रकाश झा अपने आस पास घट रही घटनाओं और समस्याओं को स्क्रीन पर उतारने की कोशिश करते हैं या यूं कहें कि वो असल जिंदगी से प्रेरित होकर फिल्में बनाते हैं। बिहार के चंपारण जिले में 27 फरवरी 1952 को जन्में प्रकाश झा ने बॉलीवुड को कई बेहतरीन फिल्में दी हैं।
प्रकाश झा ने समाज की अलग- अलग समस्याओं पर आधारित फिल्में बनाई हैं। जहां अपहरण और गंगाजल जैसी फिल्मों के जरिए उन्होंने समाज में बढ़ रहे अपराध को दिखाया है, वहीं उन्होंने दामुल, मृत्युदंड, गंगाजल, अपहरण, चक्रव्यूह, राजनीति और आरक्षण के जरिए नक्सली समस्या, राजनीतिक गंदगी, आरक्षण जैसे कई सोशल इश्यूज को खुलकर दिखाया। प्रकाश झा कह चुके हैं कि उन्हें फिल्मों की प्रेरणा अपनी रियल लाइफ से मिलती है। उनके मुताबिक सामाजिक मुद्दों पर फिल्में बनाकर कम से कम इश्यूज पर खुलकर चर्चा करके उनका समाधान ढूंढने की कोशिश की जा सकती है।
प्रकाश झा की बनाई बेस्ट फिल्मों पर बात करने से पहले नजर डालते हैं उनकी जिन्दगी पर...
करियर की शुरुआत
प्रकाश झा ने अपनी पढ़ाई बोकारो शहर के केंद्रीय विद्यालय नं.1 और कोडरमा जिले के तिलैया में स्थित सैनिक स्कूल से की। बाद में दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज से बी.एस.सी. में ऑनर्स किया।
1974 में अपने प्रोफेशनल कोर्स के बीच में ही प्रकाश्ा ने फिल्मों पर काम करना शुरू कर दिया था। इस दौरान उन्होंने 1975 में अपनी पहली डॉक्युमेंट्री फिल्म 'अंडर द ब्लू' बनाई। उन्होंने 'फेसेज आफ्टर स्टॉर्म' जैसी कई राजनीतिक डॉक्युमेंट्री भी बनाईं। इन फिल्मों ने बतौर बेस्ट नॉन फीचर फिल्म, नेशनल फिल्म अवॉर्ड भी जीता।
निजी जिंदगी
असल जिंदगी को केंद्रित कर फिल्में बनाने वाले प्रकाश झा ने 1985 में बॉलीवुड एक्ट्रेस दीप्ति नवल से शादी की थी। इसके बाद इन्होंने एक बेटी को गोद भी लिया था, जिसका नाम दिशा रखा। प्रकाश झा का एक बेटा प्रियरंजन भी है। हालांकि, आपसी मतभेदों के कारण वर्ष 2002 में दोनों अलग हो गए और 2005 में तलाक ले लिया।
दीप्ति नवल: एक्ट्रेस दीप्ति नवल की गिनती बॉलीवुड की गंभीर एक्ट्रेसेस में की जाती है। विदेश से पढ़ाई कर बॉलीवुड में आईं दीप्ति अमृतसर की रहने वाली हैं। दीप्ति ने 1977 में ‘जलियांवाला बाग’ से अपना करियर शुरू किया। 1981 में बनी फिल्म ‘चश्मेबद्दूर’ से हिट हुई दीप्ति ने ‘श्रीमान-श्रीमती’, ‘अंगूर’, ‘मोहन जोशी हाजिर हो’, ‘कमला’, ‘हिप-हिप हुर्रे’, ‘फासले’, ‘दामुल’, ‘मिर्च-मसाला’, ‘दुश्मनी’,'लीला’, ‘यात्रा’ समेत करीब 70 फिल्मों में अभिनय किया।
दिशा: प्रकाश झा की बेटी दिशा सिंगिंग में करियर बना रही हैं। वो अपने पिता की फिल्म ‘राजनीति’ में बतौर कॉस्ट्यूम डिजाइनर भी काम कर चुकी हैं। बीच में दिशा को लेकर खबरें आ रही थीं कि वो रोमांटिक फिल्मों का निर्देशन करना चाहती हैं।
प्रकाश झा ने किन सोशल इश्यूज पर बनाई फिल्में, आगे की स्लाइड्स में पढ़ें...