• Hindi News
  • National
  • जनता खाना जीएसटी से बेअसर, थाली 15 की ही

जनता खाना जीएसटी से बेअसर, थाली 15 की ही

6 वर्ष पहले
  • कॉपी लिंक
ट्रांसपोर्ट रिपोर्टर | रायपुर

रेलवे की कैटरिंग व खान-पान की चीजों पर भले ही गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के चलते यात्रियों को कुछ अधिक राशि देनी पड़ रही है, लेकिन जनता खाना पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है। रेलवे बोर्ड ने साफ किया है कि जनता खाना पुराने रेट पर ही मिलेगा।

रेलवे बोर्ड ने स्टेशन व ट्रेनों में यात्रियों को जनता खाना उपलब्ध कराने को लेकर देशभर के जोन व मंडल मुख्यालयों को निर्देश जारी किए हैं। इसके बाद रायपुर मंडल प्रशासन भी हरकत में आया है। जनता खाना के संबंध में अब यात्रियों को अनाउंसमेंट करके जानकारी दी जाएगी। मंडल के अफसरों के मुताबिक सबसे पहले स्टेशन के कैंटीन व सभी टी-स्टॉलों में जनता खाना रखने की अनिवार्यता होगी। ऐसा न करने वाले संचालकों पर कड़ी कार्रवाई होगी। जीएसटी की वजह से कई स्टेशनों व ट्रेनों में यात्रियों ने जनता खाना के लिए अधिक राशि लेने की शिकायत की थी। इसके बाद रेलवे बोर्ड ने सकुर्लर जारी किया है।

पेंट्री में भी रखना होगा : जिस ट्रेन में पैंट्रीकार की सुविधा है, उसमें भी जनता खाना रखना जरूरी है। 20 रुपए में पूरी-सब्जी का पैकेट देने का नियम है। लेकिन अक्सर देखा जाता है कि पैंट्रीकार वाली ट्रेनों में केवल समोसा और कटलेट ही बेचते हैं। यात्रियों के मांगने पर भी पूरी-सब्जी वाला जनता पैकेट नहीं दिया जाता है। लेकिन अब बोर्ड इस पर गंभीर हो गया है। अफसरों को ट्रेनों में औचक निरीक्षण करने को कहा गया है।

पिछले महीने रेलवे बोर्ड द्वारा नियुक्त रेल यात्री सुविधा समिति के दो सदस्यों ने रायपुर स्टेशन का जायजा लिया था। इस दौरान जनता खाना किसी भी रेस्टोरेंट या फूड स्टॉल में नहीं दिखा। समिति ने नाराजगी जताते हुए इसकी रिपोर्ट बोर्ड को दी है।

ट्रेनों के साथ किया जाएगा रेट और मात्रा का अनाउंसमेंट
रेलवे बोर्ड ने जनता खाना के लिए स्टेशन में 15 और ट्रेन में 20 रुपए तय किया है। इसमें 175 ग्राम पूरी (5-6), 150 ग्राम आलू की सूखी सब्जी के साथ 15 ग्राम अचार की क्वांटिटी तय है। जिस तरह से यात्रियों को ट्रेनों के आने-जाने की पूरी जानकारी दी जाती है, उसी तरह अब उद्घोषणा करके जनता खाना के बारे में बताया जाएगा। मंडल अफसरों के मुताबिक जनता खाना को सभी प्लेटफार्म पर बने स्टॉलों में रखना अनिवार्य है। ऐसा न होने पर यात्री शिकायत भी कर सकेंगे। संभवत: इसके लिए स्टेशन मैनेजर को पूरी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।