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16 साल में शुरुआत, आज 1400 कर्मचारी और 400 मिलियन डॉलर की कंपनी

7 वर्ष पहले
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दिव्यांक तुरखिया अपने बड़े भाई भाविन तुरखिया के साथ। - Dainik Bhaskar
दिव्यांक तुरखिया अपने बड़े भाई भाविन तुरखिया के साथ।
महज 9 वर्ष की उम्र में प्रोग्रामिंग शुरू करने से लेकर 14 वर्ष की उम्र में बड़ी कंपनियों को इंटरनेट पर बिजनेस करने के तरीके बताने और 16 साल में अपनी कंपनी शुरू करने और फिर कामयाब मुकाम हासिल करने तक दिव्यांक की कहानी छोटी उम्र में बड़ी उड़ान की एक बानगी है। पिता से 50 हजार रुपए उधार लेकर बनाई कंपनी में आज 14 सौ कर्मचारी हैं और कंपनी की नेटवर्थ 400 मिलियन डॉलर है।
कंपनी : डायरेक्टी
संस्थापक : दिव्यांक तुरखिया और भाविन तुरखिया
क्या खास : वेब प्रेजेंस प्रॉडक्ट्स और ऑनलाइन एडवरटाइजिंग कंपनी
तब कम्प्यूटर खरीदना आसान नहीं था, अमीर दोस्तों के सिस्टम पर सीखा...
दिव्यांक का जन्म मुंबई में हुआ। उनके पिता पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और मां समाजसेविका। दिव्यांक
सिर्फ आठ साल की उम्र से ही टेक्नोलॉजी और कम्प्यूटर्स में काफी दिलचस्पी लेने लगे थे। बचपन में पैदा हुए अपने इस शौक के बारे में बताते हुए दिव्यांक कहते हैं कि ‘उन दिनों एक कम्प्यूटर खरीदना आसान नहीं था। हमारी फैमिली इसका खर्च नहीं उठा सकती थी इसलिए मैं अपने अमीर दोस्तों के कम्प्यूटर से ही सीखा करता था।’ नौ साल पूरे करते-करते दिव्यांक ने बेसिक्स में प्रोग्रामिंग शुरू कर दी और कम्प्यूटर गेम प्रोग्रामिंग में खासी रुचि लेने लगे।
घर की लाइब्रेरी में पोषित की प्रतिभा
दिव्यांक ने बहुत ही छोटी उम्र में इतनी तकनीकी महारत हासिल कर ली थी जिसे सीखने में एक आम युवा को सालों लग जाते हैं। खास बात यह है कि इसे सीखने के लिए उन्होंने किताबों की मदद ली। किताबें पढ़ने के शौकीन दिव्यांक बताते हैं कि उनके पिता को बुक्स से बहुत लगाव था जिसके चलते उन्होंने घर पर ही लाइब्रेरी बना ली थी।
इसी वजह से उनके घर पर हर विषय की किताबें उपलब्ध थीं जिनमें से दिव्यांक को टेक्नोलॉजी, बिजनेस, मैनेजमेंट, टाइम मैनेजमेंट, बायोग्राफी जैसे विषयों की किताबें पढ़ने अच्छा लगता था। इन्हीं को पढ़ने के बाद वे अपनी जानकारी को प्रायोगिक तौर पर इस्तेमाल में लेते और सीखते।
इसी तरह सीखते हुए उन्होंने महज 13 वर्ष की उम्र में अपने भाई भाविन के साथ मिलकर स्टॉक मार्केट की कीमतों पर नजर रखने के लिए एक स्टॉक मार्केट सिमुलेशन गेम तैयार किया।
आगे की स्लाइड्स में 14 की उम्र में करियर ने भरी उड़ान, पहले मुनाफे से उतारा पेरेंट्स का कर्ज, चुनौतियों का सामना कर बनाई पहचान...