एंटरटेनमेंट डेस्क। 2016 में रिलीज हुई मराठी फिल्म 'सैराट' ने बॉक्स ऑफिस पर तगड़ी कमाई की। 4 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने ओवरऑल करीब 110 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई की। फिल्म के हिट होते ही इसके स्टार्स रिंकु राजगुरु, आकाश ठोसर समेत डायरेक्टर नागराज मंजुले भी चर्चा में आ गए। बता दें कि महाराष्ट्र के एक पिछड़े गांव से निकलकर फिल्म डायरेक्टर बनने तक नागराज ने काफी स्ट्रगल किया। जानिए कैसी है उनकी पूरी कहानी...
- नागराज का जन्म सोलापुर जिले के करमाला तहसील के पिछड़े गांव जेऊर में हुआ था।
- घर में गरीबी होने के कारण नागराज के पिता पोपटराव से उनके भाई बाबुराव मंजुले ने उन्हें गोद लिया।
- बचपन से ही नागराज को फिल्में देखने और कहानियां सुनने का शौक था।
- इसलिए स्कूल बंक कर वे अक्सर अपने दोस्तों के साथ फिल्म देखने जाते थे।
कभी कपड़े प्रेस किए तो कभी की सिक्युरिटी गार्ड की नौकरी...
- फिल्म देखने और नशा करने के लिए नागराज के पास पैसे नहीं थे, इसलिए अपना ध्यान बंटाने उन्होंने किताबें पढ़ना शुरू की।
- इसके बाद उन्होंने पुणे से मराठी में एमए किया और एमफिल की पढ़ाई करते हुए मॉस कम्युनिकेशन में भी एडमिशन लिया।
- कुछ समय बाद उनका सिलेक्शन महाराष्ट्र पुलिस में हुआ, लेकिन कुछ ही महीनों में पुलिस की नौकरी छोड़ वापस गांव आ गए।
- पैसों की तंगी हुई तो रात में सिक्युरिटी गार्ड की नौकरी की और दिन में लोगों के कपड़े प्रेस करने लगे।
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