अमेरिका में व्योमिंग, मोन्टाना और आयडाहो राज्यों के सीमा क्षेत्र में स्थित है येलोस्टोन नेशनल पार्क। इसकी स्थापना और देखरेख की शुरुआत एक मार्च 1872 को राष्ट्रपति यूलिसेस एस ग्रांट ने प्रस्ताव को कानून का रूप देकर की थी। यह अमेरिका का पहला नेशनल पार्क था।
कई पर्वत शृंखलाओं को जोड़ता यह नेशनल पार्क 22 लाख एकड़ (8,983 वर्ग किमी) से ज्यादा क्षेत्र में फैला है। ऐसा कहा जाता है 11 हजार साल पहले मूल अमेरिकियों के पूर्वज येलोस्टोन के जंगलों में ही रहे थे। 1860 तक यहां कोई इवेंट नहीं हुआ। 1917 में पार्क की जिम्मेदारी नेशनल पार्क सर्विस को दे दी गई।
जानवरों के लिए सुरक्षित:
यह अमेरिका ही नहीं, दुनिया का पहला नेशनल पार्क है। इसी के बाद दूसरे देशों ने अपने यहां नेशनल पार्क और वन्यप्राणियों के लिए उचित प्रबंध किए। इससे जानवरों का आबादी वाले क्षेत्र में पहुंचने का खतरा कम होता है।
ऐसे पड़ा येलोस्टोन नाम:
येलोस्टोन नेशनल पार्क में नदियां, झील, घाटियां, झरने और पहाड़ हैं। एक झील का नाम ही ‘येलोस्टोन लेक’ है, जिसे उत्तरी अमेरिका में सबसे ऊंचे स्थान वाली झील कहा जाता है। यह सुपर वॉल्केनो ‘येलोस्टोन काल्डेरा’ पर है। उसे आज भी सक्रिय समझा जाता है। ऐसी कहावत है, जब उसमें से लावा निकला था, तब उसकी चमक पीले रंग में थी। इसीलिए जगह का नाम येलोस्टोन पड़ा।
गर्म पानी का फव्वारा:
इस नेशनल पार्क की कई खूबियां हैं। उनमें से एक गर्म पानी का फव्वारा है। 1870 में ही इसे ओल्ड फैथफुल नाम दिया गया। इसे मोस्ट प्रिडिक्टेबल भी कहा जाता है क्योंकि यह प्रत्येक 91 मिनट के अंतराल में ऊपर आता है। दर्शकों को इस फव्वारे से सैकड़ों मीटर दूर रहने की हिदायत दी जाती है। फव्वारा जब ऊपर आता है, तब इसकी ऊंचाई 106 फीट से 185 फीट तक रहती है। एक बार में यह हजारों गैलन पानी बाहर निकाल देता है। इस विशेषता के कारण फव्वारे की जगह का नाम अपर गीजर बेसिन है।
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