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मंडी में इस बार ऑनलाइन बोली पर बेचे जा सकेंगे धान
पानीपत,मतलौडा और समालखा की अनाज मंडी में इस बार धान ऑनलाइन बिकेगी। केंद्र सरकार की राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना के तहत जिले की तीन मंडियों को ऑनलाइन किया गया है। किसानों का रजिस्ट्रेशन के साथ आढ़तियों और खरीदारों को भी कोड नंबर जारी कर दिए गए हैं। मंडी में फसल लेकर पहुंचे किसान को मौके पर भी फसल की आईडी जारी की जाएगी। गेट पर तोल के साथ ही ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू होगी। ढेरी से सैंपल लेकर जांच होगी और उसकी डिटेल ऑनलाइन की जाएगी। खरीदार घर बैठे इसकी बोली देकर खरीदेंगे। राष्ट्रीय स्तर पर बोली होने से भाव भी अच्छे मिलने की उम्मीद लगाई गई है।
प्रदेश की 27 मंडियों में धान के सीजन से मार्केटिंग शुरू होगी। पानीपत में इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। ऑनलाइन सेटअप करने के लिए नागार्जुन फर्टिलाइजर कैमिकल लिमिटेड को जिम्मेदारी दी गई है। अनाज मंडी में फसल की गुणवत्ता जांच के लिए लैब तैयार की गई है। साथ ही कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। इसमें कंप्यूटर पर रिकॉर्ड दर्ज होगा। एलसीडी पर फसल खरीद संबंधी जानकारी चलेगी। मार्केटिंग बोर्ड द्वारा गांव-गांव जाकर किसानों का रजिस्ट्रेशन किया गया है। आढ़तियों और खरीदारों को भी पोर्टल कोड दिए गए हैं।
^ ऑनलाइन फसल देश में कहीं भी बेची जा सकती है। जहां भी किसान को ज्यादा भाव मिलेगा, वहीं पर अपनी फसल बेच सकता है। मंडी में फसल ऑनलाइन ही बिकेगी। किसानों को फायदा होगा। -अजयसंधू, सचिव, मार्केट कमेटी पानीपत।
ई-मार्केटिंग से मंडियों में फर्जीवाड़ा और मार्केट फीस की चोरी रुकेगी। आढ़ती किसानों की फसल को कम भाव पर लेकर ज्यादा भाव में बेच देते हैं, इस तरह की गड़बड़ी भी रुकेगी। मार्केट फीस में बढ़ोतरी होगी। पेमेंट सीधा किसानों के खाते में जाएगी। आढ़त आढ़ती के खाते में। अब सारा पैसा आढ़ती के खाते में जाता है। बाद में आढ़ती किसानों को फसल का पैसा देता है।
पानीपत. अनाजमंडी में धान उतारता मजदूर।
मौके पर भी फसल की आईडी जारी की जाएगी
व्यवस्था