वॉशिंगटन. अमेरिकी अधिकारी वीजा के लिए एप्लिकेशन देने वालों से उनके सोशल मीडिया का पासवर्ड भी मांग सकते हैं। होमलैंड सिक्युरिटी डिपार्टमेंट (DHS) के सेक्रेटरी जॉन केली ने कहा कि आने वाले वक्त में वीजा एप्लिकेंट्स का बैकग्राउंड चेक करने के लिए ऐसा किया जा सकता है। कैली ने कहा कि ये कदम इसलिए उठाया जा रहा है, ताकि अमेरिका आने वालों की स्क्रीनिंग हो सके और ये पता लगाया जा सके कि कौन हमारे लिए खतरा हो सकता है। एडिशनल स्क्रीनिंग पर विचार कर रहा है DHS...
- जॉन केली ने कहा कि ये उन चीजों में से एक है, जिन पर गवर्नमेंट विचार कर रही है। खास तौर से 7 मुस्लिम देशों ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन से आने वाले विजिटर्स के लिए।
- कैली ने कहा, "हम कुछ ज्यादा या एडिशनल स्क्रीनिंग को लेकर विचार कर रहे हैं। हमें इसके लिए विजिटर्स के सोशल मीडिया आईडी और पासवर्ड की जानकारी मांग सकते हैं।"
- डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्युरिटी में सेक्रेटरी के रूप में सीनेट की कन्फर्मेशन के बाद जॉन कैली ने अपनी पहली कांग्रेस हियरिंग में ये बातें कहीं।
इंटरनेट पर क्या करते हैं, जानना जरूरी- कैली
- कैली ने कहा, "खास तौर पर उन 7 मुस्लिम देशों की बात करें तो यहां के लोगों की जांच करना वाकई बहुत मुश्किल काम है।"
- "लेकिन अगर वो यहां आते हैं तो हम उनसे पूछेंगे कि वो किस वेबसाइट को सर्फ करते हैं, वो हमें अपना पासवर्ड दें और हम देखेंगे कि वो इंटरनेट पर क्या करते हैं।"
- "अगर वो इस प्रॉसेस में को-ऑपरेट नहीं करते हैं तो उन्हें अमेरिका नहीं आना चाहिए और अगर वो वाकई अमेरिका आना चाहते हैं तो उन्हें जांच में मदद करनी चाहिए।"
अभी नहीं लिया गया फैसला
- कैली ने कहा, "इस बात पर अभी फिलहाल विचार ही चल रहा है, कोई फैसला नहीं लिया गया है। लेकिन भविष्य में बेहद कड़ी जांच की जाएगी, फिर भले ही यूएस आने वालों को वीजा मिलने में देरी ही क्यों ना हो।"
- बता दें कि डोनाल्ड ट्रम्प ने 27 जनवरी को 7 मुस्लिम देशों के नागरिकों को अमेरिका का वीजा दिए जाने पर रोक लगा दी थी। हालांकि, फेडरल कोर्ट ने ट्रैवल बैन के फैसले को सस्पेंड कर दिया था।
कोर्ट ने लगाया एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर स्टे
- सिएटल की कोर्ट ने उस एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर रोक लगाने की बात कही थी, जिसमें 7 मुस्लिम देशों के लोगों की अमेरिका में एंट्री पर बैन लगाया था।
- सिएटल के जज जेम्स रॉबर्ट ने कहा था, "कोर्ट का फैसला तुरंत लागू होना चाहिए। साथ ही, ट्रैवल बैन पर लगी रोक तुरंत हटनी चाहिए।"
- ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन ने अमेरिका में ट्रैवल बैन को सस्पेंड करने वाले फेडरल कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील की थी।
- इस अपील को सैन फ्रांसिस्को की कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
पिटीशन खारिज होने पर ट्रम्प ने दिया था रिएक्शन
- पिटीशन खारिज होने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि अगर देश में किसी तरह की कोई घटना होती है तो इसके लिए जज और कोर्ट सिस्टम ही जिम्मेदार होगा।
- ट्रम्प ने ट्वीट कर कहा, ''पाबंदी को रोकने वाली अदालतें अमेरिकी बॉर्डर को सिक्योर करने में बाधा पहुंचा रही हैं।''
- ''जज ने ऐसा फैसला देकर देश को संकट में डाल दिया है और अगर कुछ होता है तो इसके लिए जज और कोर्ट सिस्टम जिम्मेदार होगा।"
- ट्रम्प ने कहा, ''मैंने होमलैंड सिक्युरिटी को अमेरिका में दाखिल होने वाले लोगों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए कहा है।''
- उन्होंने कहा कि इसमें बहुत सतर्कता की जरूरत हैं, क्योंकि कोर्ट ने इस काम को बहुत मुश्किल बना दिया है।
27 जनवरी को दिए गए थे ऑर्डर
- ट्रम्प ने जिन 7 मुस्लिम देशों के लोगों के इमिग्रेशन पर बैन लगाया था, उनमें इराक, ईरान, लीबिया, सूडान, सीरिया, सोमालिया और यमन हैं। ये ऑर्डर 27 जनवरी को पास किया गया था।
- यूएस रिफ्यूजी एडमिशन्स प्रोग्राम को 120 दिन के लिए बंद कर दिया गया था। ये तभी शुरू किया जाएगा, जब ट्रम्प कैबिनेट के मेंबर्स उसकी अच्छी तरह जांच कर लेंगे।
- ऑर्डर के मुताबिक, इराक, ईरान, सीरिया, सूडान, लीबिया, सोमालिया और यमन के लोग भी 90 दिन तक अमेरिका में एंट्री नहीं ले सकते थे। उन्हें वीजा नहीं दिए जाने की बात कही गई थी।