शर्मिंदा करने वाला इस परपंरा का सच, यहां लड़के बनाए जाते हैं सेक्स स्लेव

6 वर्ष पहले
  • कॉपी लिंक
काबुल. अफगानिस्तान में बाचाबाजी परपंरा के नाम पर लड़कों को सेक्स स्लेव बनाना अब जुर्म होगा। इसके लिए सात साल जेल की सजा का प्रावधान किया जा रहा। धार्मिक कट्टरपंथ के लिए पहचाने जाने वाले इस देश में लोगों पर इस्लामिक नियमों-कायदों को मानने का दबाव होता है। लेकिन इन सब दिखावों के बीच बाचाबाजी यहां का काला सच है, जिसे देश में हमेशा से छिपाने की कोशिश की जाती है। नाच-गाने के बाद सामने आता है इस पेशे का असल सच...
 
- फोटोग्राफर बरत बली बतूर ने ऐसे लड़कों के साथ महीनों वक्त बिताया और करीब से इनकी जिंदगी देखी।
- यहां मनोरंजन के नाम पर न सिर्फ लड़कों को लड़कियों के लिबास में नचाया जाता है बल्कि, वो सेक्स स्लेव की तरह भी इस्तेमाल किए जाते हैं।
- बरत के मुताबिक, 10 से 12 साल के लड़के पुरुषों के बीच लड़कियों के लिबास में जश्न के मौके पर डांस करते हैं। 
- ये बहुत कुछ सेक्स स्लेवरी की तरह है, जिसमें लड़के पुरुषों को सेक्शुअल सैटिस्फेक्शन भी देते हैं।
- नाच-गाने के बाद इस पार्टी खत्म होने पर इस पेशे का असल सच सामने आता है।
- लड़कों को जश्न में आए पुरुषों को एक के बाद एक सौंपा जाता है, ताकि वो उनके साथ अपनी सेक्शुअल डिजायर पूरी कर सकें।
- लड़कों को पार्टी में नाचने के एवज में पैसे नहीं मिलते। अपने मालिक के साथ संबंधों पर ही उनकी जिंदगी कटती है।
- उनका मालिक ही सेक्स के बदले में उन्हें रहने का ठिकाना और बाकी जरूरतें पूरी करता है।
 
गरीबी के चलते पनपा ये पेशा
- तालिबान के आने के बाद पिछले 15 साल में ये पेशा तेजी से पनपा है। गरीबी इसके पीछे एक अहम वजह है।
- इस पेशे से जुड़े शुकूर को 12 साल की उम्र में उसके घर से अगवा कर लिया गया था।
- पांच साल भटकने के बाद रोजी-रोटी के लिए शुकूर को बाचाबाजी के पेशे में उतरना पड़ा।
- ऐसी ही कहानी करीब-करीब उन सभी लड़कों की है, जो इस पेशे से जुड़े हैं।
- इस अपराध में शामिल लोगों में ज्यादातर बड़े बिजनेसमैन और रसूखदार लोग होते हैं। 
- इन्हें सजा देने के बजाय पुलिस प्रोटेक्शन मिलता है। पुलिस डरती है कि कहीं ये नाराज न हो जाएं।
 
आगे की स्लाइड्स में देखें इनकी फोटोज...
खबरें और भी हैं...